नई दिल्ली : समलैंगिकों का समर्थन करने वालों के लिए अच्छी खबर है कि भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली समलैंगिक अधिकारों के समर्थन में उतर गए हैं। जी हां जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को आईपीसी की धारा 377 पर फिर से पुनर्विचार करना चाहिए।
ये ही नहीं जिस कार्यक्रम के दौरान जेटली ने ने ये बात कही उसी कार्यक्रम में जेटली को कांग्रेस का भी साथ मिला जब कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने समलैंगिकता के मुद्दे पर जेटली से सहमति जताई। उन्होंने कहा कि गे संबंधों पर दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला बेहद सराहनीय था। सुप्रीम कोर्ट को इसे जारी रखना चाहिए था।
एक कार्यक्रम में जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को समलैंगिकता के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला नहीं बदलना चाहिए था। अरुण जेटली ने कहा कि होमोसेक्शुअलिटी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला दुनिया भर में लिए जा रहे कानूनी फैसलों से मेल नहीं खाता है।
जेटली ने कहा कि दुनिया में अलग-अलग सेक्शुअल ओरियंटेशन्स को अपना रहे हैं ऐसे में किसी को सेक्शुअल रिलेशंस के आधार पर जेल भेजना बहुत पुराना ख्याल लगता है।