अमेठी: यूपी के अमेठी में दबंगों ने गाँवो में गरीब तबके के लोगो का जीना हराम करके रखा हुआ है यहाँ अभी भी कानून के सिपाही आँख में पट्टी बांधकर दबंगो के साथ खड़े दिखाई देते है । एक गरीब की झोपड़ी को दबंगो द्वारा ट्रैक्टर से दिनदहाड़े ही गिरा दिया गया और पुलिस मामले की अनदेखी करती रही है । यह आरोप अमेठी के बेहद गरीब किसान द्वारा लगाया गया है । दरअसल ये मामला मुसाफिरखाना कोतवाली अंर्तगत जमुवारी का है जहां रामदीन पुत्र रामफल ने अपने गाँव के ही कुछ व्यक्तियों पर आरोप लगाया कि मेरे गाँव के लोग दबंगई पूर्वक आबादी में बनी मेरी कच्ची दीवार से निर्मित झोपडी को ट्रैक्टर एवं कल्टीवेटर से से गिरा दिया । घटना छः जनवरी दिन शुक्रवार को दिन की हैं जब पीड़ित खरीद दारी करने बाजार गया हुआ था तभी मौका पाकर गाँव के कुछ लोगो ने ट्रैक्टर एवं कल्टीवेटर फंसाकर कच्चे झोपडी को धरासाईं कर दिया औरतों के मना करने पर गाली- गलोच की वहीं पीड़ित ने बताया कि यह पुरानी आबादी ने बनी कच्ची झोपडी मेरी है जिसके सारे सबूत मेरे पास है फिर भी किसी ने उसकी एक ना सुनी, इस कारण पीड़ित शिकायत लिए दर-दर भटकने को मजबूर है।
नही पहुँची 100 डायल पुलिस-
पीड़ित ने सूचना पाकर तुरन्त ही 100 डॉयल को फ़ोन किया लेकिन राम दीन ने बताया कि 100 डॉयल वाहन उक्त घटना स्थल पर नही पहुची हताश होकर पीड़ित कोतवाली मुसाफिरखाना पहुँचा दिन भर न्याय के चक्कर लगाता रहा और पुलिस द्वारा उक्त घटना को अंजाम देने बालो के ऊपर कोई कारवाही नहीं की और मूकबधिर बनी रही ।
पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट-
पीड़ित रामदीन पिता रामफल ने बताया की जब में इस सम्पूर्ण घटना की शिकायत कोतवाली पुलिस को दी और रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कहा तो उपस्थित पुलिस द्वारा कह दिया गया मामला राजस्व से जुड़ा है पैमाइश के बाद ही कार्यवाही होगी।
गौरतलब बात यह है कि जब किसी आम इंसान पर भूमि विवाद को लेकर दबंगो द्वारा जबरन परेशान किया जाता है तो क्या पुलिस वालो की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती ऐसे में कोई भी किसी का झोपडी और मकान गिरा देगा और पुलिस फरियादी को कागजी कार्यवाही के लिए पटवारी और तहसीलदार के यहाँ भेजने की सलाह देगा ये बात हजम होने के लायक नहीं है दूसरी ओर आरोपी पक्ष भी दिन भर कोतवाली में चक्कर काटता रहा वही जब इस मामले पर मुसाफिरखाना कोतवाल आर के सिंह से पुछा गया तो उन्होंने बताया कि दोनों पक्षो को विवादित जमीन पर जाने से रोका गया है !
इनका कहना है-
उक्त पीड़ित विवादित जमीन को खाते का ही बता रहा है और यही बात आरोपी पक्ष भी बता रहा है पुलिस ने जब विवादित जमीन के बारे में जान कारी करनी चाही तो पीड़ित विवादित जमीन को आबादी पर अपना कब्जा बताया जबकि आरोपी पक्ष और बैनामे करने वाले ने इस जमीन को अपने खाते का बताया।
अभय कुमार पाण्डेय उप जिलाधिकारी मुसाफिरखाना
पीड़ित पक्ष का आरोप सही है आरोपी पक्ष का बैनामा दूसरी भूमि संख्या पर हुआ है जबकि आरोपी पक्ष, पीड़ित पक्ष की जमीन पर कब्जा करना चाह रहा है ।
ग्राम प्रधान जमुआरी अली अहमद
रिपोर्ट@राम मिश्रा