राजस्थान हाईकोर्ट ने बहुचर्चित हिंगोनिया गौशाला मामले में अपने फैसले में कहा है कि सरकार गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कराए। वहीं दूसरी ओर गोकसी करने वालों को आजीवन कारावास का प्रावधान कानून में शामिल करवाए।
राजस्थान हाईकोर्ट ने बहुचर्चित हिंगोनिया गौशाला मामले में 7 साल बाद अपना फैसला सुनाया है। खास बात यह है कि इस मामले की सुनवाई करने वाले मुख्य न्यायाधीश महेश चंद शर्मा ने अपने रिटायरमेंट के दिन बुधवार को अपना आखिरी फैसला सुनाया। फैसले में कहा गया है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करवाने के लिए मुख्य सचिव और महाधिवक्ता कार्यवाही करें। हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट ने अधिवक्ताओं की कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं।
फैसले में हाईकोर्ट ने एसीबी और एडीजे को हर तीन महीने में गोशाला को लेकर रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यूडीएच सचिव और निगम आयुक्त सहित सम्बंधित अफसरों को महीने में एक बार गौशाला का दौरा करने के निर्देश दिए।
कोर्ट ने इस मामले में वन विभाग को गौशाला में हर साल 5 हजार पौधे लगाने को कहा है। साथ ही, अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पूर्व में दिए गए आदेशों की अनुपालना यथावत ही की जाए।
@एजेंसी