भोपाल : शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार देने की सरकारी कोशिश जल्द परवान चढ़ेगी। प्रदेश के 30 लाख से ज्यादा शिक्षित बेरोजगारों के लिए कमलनाथ सरकार सरकारी नौकरियों में शामिल होने के लिए भर्ती के दरवाजे पूरी तरह से खोलने की तैयारी में है।
प्रदेश में उद्योग नहीं लगने का असर, सरकारी विभागों में खाली पदों पर भर्ती नहीं होने का असर, प्रदेश की एक बड़ी आबादी जो युवाओं की है उसे बेरोजगारी के रूप में झेलना पड़ा रहा है। लेकिन बदली सत्ता के साथ अब युवाओं की उम्मीदें भी उड़ान भरने लगी हैं।
सरकार ने साफतौर पर संकेत दे दिए हैं कि प्रदेश के खाली सरकारी पदों को भरने से लेकर निवेश के जरिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के लिए सरकार की बड़ी तैयारी है।
लंबे समय से अटकी विभागीय परीक्षाओं को आयोजित करने के निर्देश भी जारी हो गये हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी विभागों से खाली सरकारी पदों की जानकारी भी मांगी है, जिस पर सरकार भर्तियां कर पुराने ढर्रे को बदलने की कोशिश कर रही है।
मतलब साफ है कि सरकारी नौकरियों में दक्ष युवाओं को मौका देकर सरकार खाली पदों को भरने के साथ ही बेरोजगारी के आंकड़ों को कम करने की कोशिश में है।
बेरोज़गारी दूर करने के लिए ये है सरकार का प्लान
>> मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सरकारी विभागों में भर्तियों की प्रक्रिया शुरू की है।
>> 31 दिसंबर 2018 को परीक्षाओं के जारी कैलेंडर पर अब तेजी से अमल होगा।
>> कृषि विभाग में सहायक संचालक पद पर भर्ती होगी।
>> इसके बाद डीएसपी, डिप्टी कलेक्टर समेत कई पदों पर भर्तियां होंगी।
>> हाईस्कूल शिक्षक के रिक्त 15 हजार पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी।
>> इसके अलावा सरकार विभागीय भर्ती की प्रक्रिया भी शुरु करेगी।
>> निवेश आने पर निजी क्षेत्र में भी रोजगार की पहल होगी।
मतलब साफ है कि एमपी पीएससी की दो साल से अटकी परीक्षाएं अब शुरू होंगी, तो वहीं शिक्षक, डॉक्टर से लेकर विभागीय स्तर की परीक्षाएं आयोजित कर सरकार बेरोजगारों को खुश करने की कोशिश करेगी।
कांग्रेस सरकार की बेरोजगारों को खुश करने की कवायद पर बीजेपी ने सरकार पर हमला बोला है।
पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा है कि सरकार बेरोजगारों से परीक्षा शुल्क लेकर अपना खजाना भरने का काम कर रही है।
बता दें, प्रदेश में हर साल तेजी के साथ बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है। रोजगार कार्यालयों में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 30 लाख के ऊपर है।