देहरादून – विकासनगर अंतर्गत कालसी में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। क्षेत्र के काली मंदिर के पास अमलावा नदी में बड़ी भारी मात्रा में सरकारी दवाईयों की खेप दूर तक नदी में तैरती नज़र आई हैं, जिससे एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही को सामने लाकर खड़ा कर दिया है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग की कारगुजारियां किसी से छिपी हुई नहीं है, जिसके चलते जहां एक ओर यहां के सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को डाक्टर अस्पताल से दवाईयां न देकर बाहर से दवा खरीदने के लिये मजबूर कर रहे, बल्कि सरकारी दवाइयों को समय से न बांट पाने के चलते उन्हें इधर-उधर ठिकाने भी लगाया जा रहा है। एक एैसा ही मामला कालसी क्षेत्र में काली माता मंदिर के पास से गुजरने वाली अमलावा नदी में भारी मात्रा में बहती सरकारी दवाइयों से सामने आया है।
एनआरएचएम लिखी इन दवाईयों के नदी में पड़ी होने की सूचना जब मीडिया द्वारा तहसील प्रशासन को दी गई, तो मामले की गंभीरता को देखते हुये प्रशासनिक अधिकारी नयाब तहसीलदार जे एस राणा मय दल मौके पर पहुंचे और उन्होने मौके से कई दवाइयों के रेपर जाचं के लिये इकट्ठा किये।
नायब तहसीलदार कालसी जे.एस राणा ने तेज़ न्यूज़ को बताया कि मामले की जांच की जायेगी हालांकि मौके पर मिली दवाईयां एक्सपायर हो चुकी थी, लेकिन नियमानुसार इन दवाईयों को स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारियों की मौजूदगी में नष्ट किया जाना चाहिए था, मगर एैसा हो न सका और दवाईयां नदी में फैंक दी गई। जिससे न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है, बल्कि इससे बड़ी दुुर्घटना को भी न्योता दिया गया।
हम आपको बता दें कि पास ही मंदिर स्थित होने के कारण जहां श्रद्धालु मंदिर दर्शन के साथ साथ इस नदी में स्नान आदि तो करते ही है, साथ ही क्षेत्र के स्कूली बच्चे भी अक्सर यहां पर नहाने आते है, अगर एैसे में अनजाने में किसी बच्चे द्वारा इन दवाईयांे का सेवन किया जाता है या किसी जानवर की ही मौत इन दवाईयों को खाने के मौत जाती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। तो वहीं दूसरी ओर इस प्रकरण को देखते हुये एसडीएम कालसी अशोक कुमार पाण्डेय के निर्देश पर मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार का कहना है कि इस तरह की लापरवाही कतई बर्दास्त नहीं की जायेगी और जांच कर रिर्पोट आगे प्रेषित की जायेगी।
रिपोर्ट – तबरेज़ खान