बजट 2019 के प्रस्तावों के अनुसार, लोग अब 18 जरूरी सेवाओं के लिए पैन कार्ड की जगह आधार कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन लेनदेन के समय अगर आपने गलत आधार नंबर दिया, तो आपको 10 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है।
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार, संबंधित प्रावधान और अधिसूचना जारी होने के बाद यह नियम एक सितंबर से लागू हो सकता है।
हालांकि इस आदेश से पहले संबंधित व्यक्ति की बात सुनी जाएगी। इस संदर्भ में एक अधिकारी ने कहा कि, आयकर अधिनियम की धारा 272बी में पैन के उपयोग से संबंधित उल्लंघनों पर दंडात्मक प्रावधान हैं।
इससे पहले सीबीडीटी के अध्यक्ष प्रमोद चंद्र मोदी ने कहा था कि पैन की उपयोगिता निश्चित तौर पर खत्म नहीं हुई है और हालिया बजट में दोनों डेटाबेस (पैन और आधार) को एक-दूसरे की जगह इस्तेमाल करने के लिए एक जैसा बताया जाना एक अतिरिक्त सुविधा है जो उन्हें जोड़े जाने को सुनिश्चित करेगा, जो कि अब कानून के तहत अनिवार्य है।
उन्होंने कहा था कि, ‘ऐसे मामलों में जहां आधार का संदर्भ दिया जा रहा है और वहां पैन का उल्लेख नहीं है, वहां हम (आयकर रिटर्न जमा करने वाले) व्यक्ति को पैन आवंटित करने की संभावना के बारे में सोच सकते हैं।’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा था कि भारत में 1.2 अरब से अधिक लोगों के पास आधार कार्ड हैं, जबकि इसकी तुलना में पैन कार्ड केवल 22 करोड़ लोगों के पास हैं। इसलिए करदाता पैन नंबर न होने पर आधार कार्ड नंबर से आयकर रिटर्न भर सकते हैं।