नई दिल्ली: जट पेश होने से पहले आयोजित सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार लगातार किसानों के मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाने की कोशिश कर रही है। किसानों के लिए सरकार का प्रस्ताव अभी भी है। कृपया इसे अपने समर्थकों को बताएं। बातचीत के जरिए समाधान निकलना चाहिए। हम सभी को देश के बारे में सोचना होगा। समाचार एजेंसी एएनआइ ने इसकी जानकारी सूत्रों के हवाले से दी है। बता दें कि हर बार बजट सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक होती है। लेकिन इस बार बजट सत्र शुरू होने के बाद यह बैठक हो रही है।
आमतौर पर इस तरह की सर्वदलीय बैठक दोनों सदनों के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए संसदीय सत्रों से पहले आयोजित की जाती है। पीएम मोदी ने इस दौरान यह भी कहा, ‘ मैं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा किसानों को बताई गई बातों को दोहराना चाहता हूं। उन्होंने कहा था कि हम आम सहमति तक नहीं पहुंचे हैं, लेकिन हम आपको (किसानों को) प्रस्ताव दे रहे हैं। वह किसी भी वक्त उनके लिए फोन पर भी मौजूद रहेंगे।’ कोरोना महामारी के चलते सर्वदलीय वैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई।
बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि लगभग सभी पार्टियों ने बैठक में हिस्सा लिया। विपक्ष ने मांग की है कि लोकसभा में बिल के अलावा चर्चा हो और सरकार इसके लिए सहमत है। विपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की है इसके लिए भी सरकार सहमत हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जो प्रस्ताव दिया था, हम उस पर चर्चा के लिए तैयार है।
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच 11वीं दौर की वार्ता में, हमने कहा कि सरकार कभी चर्चा के लिए तैयार है। कृषि मंत्री ने किसानों से कहा था कि वह सिर्फ एक फोन कॉल दूर है, जब भी आप फोन करेंगे वह चर्चा के लिए तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की एक प्रतिमा को अमेरिका में (कैलिफोर्निया में) तोड़फोड़ हुई है। यह बहुत बड़ा अपमान है। पीएम ने इसकी कड़ी निंदा की है। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, टीएमसी के सुदीप बंद्योपाध्याय, शिवसेना सांसद विनायक राउत, और सिरोमणि अकाली दल के बलविंदर सिंह भांडेर ने किसान आंदोलन का मुद्दा उठाया। जेडीयू सांसद आरसीपी सिंह ने कानूनों का समर्थन किया।
ओम बिरला ने शुक्रवार को बुलाई थी सर्वदलीय बैठक : इससे पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने इसी तरह की मांग की थी। सरकार ने सुझाव दिया था कि राष्ट्रपति के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान किसानों के आंदोलन के मुद्दे को उठाया जा सकता है। लोकसभा में दो, तीन और चार फरवरी को धन्यवाद प्रस्ताव के लिए 10 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद के दोनों सदनों के संबोधन के साथ ही बजट सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ। कांग्रेस समेत कुल 18 विपक्षी दलों ने शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए तीनों नए कृषि कानूनों का पुरजोर बचाव किया। उन्होंने नए कानूनों को कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिए जरूरी करार दिया। साथ ही किसान संगठनों के एतराज को देखते हुए इन कानूनों पर अमल रोकने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का भरोसा भी दिया। राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस के दिन टैक्ट्रर रैली के दौरान लाल किले पर हुड़दंग व तिरंगे के अपमान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए इसकी आलोचना भी की।
कोरोना संक्रमण के कारण पांच-पांच घंटे की पारी में हो रही बैठकें : गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें पांच-पांच घंटे की पारी में हो रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि सदस्यों के बीच शारीरिक दूरी के मानकों का पालन किया जा सके। सत्र के दौरान राज्यसभा की बैठक सुबह में होती है। दोपहर बाद लोकसभा का सत्र शुरू होता है।