नई दिल्ली- बैंक खाता खोलने, एटीएम से पैसा निकालने और डिजिटल भुगतान के लिए सरकार आधार कार्ड को प्रमुख पहचान पत्र बनाने की तैयारी में है। आधार अधिनियम की धारा-57 के तहत यह व्यवस्था जल्द लागू की जा सकती है। साथ ही इसके लिए धन समशोधन नियमों (पीएमएलए) में संशोधन किया जाएगा।
नीति आयोग द्वारा गठित मुख्यमंत्रियों की समिति भी आधार को प्रमुख पहचान पत्र (प्राइमरी आईडी) बनाने पर सहमति जता चुकी है। जब तक किसी के पास बैंक खाते के साथ आधार जनित पिन नहीं होगा, वह किसी भी सूरत में पैसा ट्र्रा़ंसफर नहीं कर सकेगा। जबकि एटीएम में बिना अंगूठा लगाए पैसा नहीं निकलेगा।
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यूआईडीएआई ने भारतीय रिजर्व बैंक को धारा-57 के तहत आधार को ‘पीआईडी’ बनाने के लिए समुचित सर्कुलर जारी करने के लिए सूचित किया था। इसमें कहा गया था कि आधार को बैंक खाता खोलने, एटीएम/माइक्रो एटीएम/पीओएस से पैसा निकलाने, डिजिटल भुगतान और बीमा भुगतान मुहैया कराने समेत अन्य के लिए जरूरी किया जाए।
इस पर आरबीआई के डिप्टी गर्वनर द्वारा सुझाव दिया गया कि आधार को ‘पीआईडी’ बनाने के लिए पीएमएलए में संशोधन किया जाए। आरबीआई के सुझाव पर वित्त मंत्रलय का राजस्व विभाग विचार कर रहा है। सरकार जनवरी के अंत में शुरू हो रहे बजट सत्र में पीएमएलए में संशोधन ला सकती है। इसके साथ ही डिजिटल भुगतान सुरक्षित बनाने के लिए भी कई अन्य संशोधन भी कर सकती है।
36.58 करोड़ खाते ही आधार से लिंक
पिछले दो साल में 25 करोड़ से भी ज्यादा जनधन खाते खुले हैं। सभी प्रकार के कुल 117 करोड़ खातों में से अब तक 36.58 करोड़ खाते ही आधार लिंक किए जा सके हैं।
आधार कार्ड से मोबाइल नंबर भी जोड़े जाएंगे
आधार के साथ मोबाइल नंबर को सभी बैंक खातों से जोड़ना अनिवार्य किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) प्रयोग में लाया जाएगा। सरकार को एटीएम, माइक्रो एटीएम और पीओएस से लेनदेन को आधार से जरूरी बनाने का लक्ष्य जून, 2017 तक पूरा करने का सुझाव मिला है।
चरणबद्ध तरीके से होगा लागू
सरकारी छूट के लाभ स्वीकारने के लिए आधार को जरूरी बना चुकी केंद्र सरकार इस व्यवस्था को अगले साल चरणबद्ध तरीके से लागू कर सकती है। साथ ही यूएसएसडी को और सुरक्षित बनाने की प्रक्रिया में आधार को प्रयोग में ला सकती है। [एजेंसी]