नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी को अब शनिवार को ही फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ेगा। कार्यवाहक राज्यपाल तथागत राय से मिलकर शक्ति परीक्षण के लिए अौर समय की मांगने गए तुकी को निराशा हाथ लगी और राज्यपाल ने समय देने से इन्कार कर दिया है। तुकी ने फ्लोर टेस्ट के लिए 10 और दिन मांगे थे।
अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस मुख्यमंत्री नबाम तुकी की बहाली के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद कांग्रेस के लिए राह बहुत मुश्किल दिख रही है। शनिवार को विधानसभा में बहुमत साबित करने की चुनौती फिलहाल कांग्रेस को पहाड़ सी दिख रही है।
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल 36 विधायकों के साथ भाजपा शासित असम की राजधानी में डेरा जमाए बैठे विश्वास मत के वक्त का इंतजार कर रहे हैं। उनका दावा है कि उनके साथ 43 विधायक हैं और वह तुकी को टिकने नहीं देंगे।
60 सदस्यों वाले अरुणाचल प्रदेश में बहुमत के लिए 31 विधायकों का समर्थन चाहिए। फिलहाल उसके पास सिर्फ 15 सदस्य हैं। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के ही अरुणाचल प्रदेश में जिम्मेदारी संभालने वाले तुकी अरुणाचल प्रदेश पहुंचे लेकिन उससे पहले 36 विधायक गुवाहाटी पहुंच चुके थे। वहां मीडिया से बातचीत में कालिखो पुल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री की बहाली तो कर दी है लेकिन पार्टी की संरचना को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल जो स्थिति है उसमे उनकी पार्टी पीपीए के पास 30, भाजपा के पास 11, दो स्वतंत्र और 15 कांग्रेस के सदस्य हैं। मीडिया के सामने ही उन्होंने 36 विधायकों की परेड भी कराई। सवाल जवाब में उन्होंने कहा कि विधायकों की खरीद फरोख्त का ही नहीं अरुणाचल में दूसरे खतरे भी हैं। अरुणाचल मे ही उन्होंने पूर्व गृहमंत्री को रास्ता बंद करते और विधानसभा भवन में ताला लगाते देखा था। टुकी लगातार विधायकों को संपर्क कर रहे हैं। प्रलोभन और चेतावनी दी जा रही है।