जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भ्रष्ट नेताओं पर दिए अपने बयान को लेकर अब सफाई देते हुए कहा कि उन्हें एक संवैधानिक पद पर होते हुए ऐसा नहीं बोलना चाहिए था। उन्होंने कहा कि उनके वक्तव्य को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा ‘मैं मानता हूं कि मेरी जिम्मेदारी या जो पोजीशन है उस पर ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए थी। लेकिन मेरा फ्रस्टेशन भष्टाचार के प्रति ऐसा था कि यह बात निकल गई।’
उन्होंने अपने बयान पर अफसोस जताते हुए कहा, ‘राज्यपाल होते हुए मुझे यह नहीं कहना चाहिए अदरवाइज मैं यही कहूंगा।’
रविवार को कारगिल में कारगिल लद्दाख पर्यटन महोत्सव को संबोधित करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि आतंकियों को पुलिसकर्मियों व एसपीओ समेत अन्य निर्दोषों की हत्या नहीं करनी चाहिए।
बल्कि भ्रष्ट राजनेताओं व ब्यूरोक्रेट को मारना चाहिए जिन्होंने वर्षों तक उनके राज्य को लूटा है।
उन्होंने कहा कि जिन बच्चों ने हथियार उठाया है वे अपने ही लोगों को मार रहे हैं। वे पीएसओ व एसपीओ को मार रहे हैं। आखिर उन्हें क्यों मार रहे हो? हत्या उसकी करो जिसने कश्मीर को लूटा है। क्या तुमने इसमें से किसी को मारा है? बंदूक से कभी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता।
श्रीलंका में लिट्टे जैसा संगठन भी खत्म हो गया। हिंदुस्तान में बंदूक से सरकार को कभी भी झुकाया नहीं जा सकता। सरकारों से ऐसे नहीं लड़ा जाता। बातचीत से तो सब कुछ हासिल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि रियासत की सबसे बड़ी बीमारी भ्रष्टाचार है। अभी वह अमरनाथ यात्रा पर गए थे।
वहां सैकड़ों टट्टू वालों के पास स्वेटर तक नहीं थे, लेकिन श्रीनगर में कई ऐसे नेता और अफसर हैं जिनके पास 15-20 कमरे के मकान हैं। करोड़ों रुपये के कालीन बिछे हुए हैं।
वन विभाग तथा सिंचाई विभाग के कई सेवानिवृत्त अफसरों को वे जानते हैं जिनके महारानी बाग तथा बसंतकुंज जैसे पॉश इलाके में आलीशान बंगले हैं। यदि मेरे हाथ में होता तो इन पर मुकदमे चलाकर उनकी संपत्ति जब्त कर गरीबों में बांट देता।
उन्होंने कहा कि श्रीनगर के डाउनटाउन की गरीबी बताने के लिए उनके मुंह पर ताले लगे हुए हैं। लेकिन यहां के लोग अय्याश हैं, जिन्होंने कश्मीर को जलाया है। बड़े-बड़े खानदान वालों के पास बेहिसाब संपत्ति है। देश के अन्य शहरों के साथ विदेशों में मकान हैं।
श्रीनगर के होटलों में हिस्सेदारी है। आपका रुपया खाकर ऐश कर रहे हैं। भोले भाले युवाओं को पत्थर थमाया है। उन्हें गुमराह किया है।
उन्होंने मुख्यधारा के नेताओं पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि ये नेता दिल्ली में अलग भाषा बोलते हैं और कश्मीर में कुछ और बोलते हैं। ऐसे लोग दिल्ली में हमें डराते हैं और यहां लोगों को भड़काते हैं।