नई दिल्ली- केंद्र सरकार ने एलपीजी सब्सिडी छोड़ने और उसे सीधे ग्राहकों के बैंक खाते में डालने से 21000 हजार करोड़ बचाने का जो दावा किया था, उसे CAG की रिपोर्ट में मात्र 2000 करोड़ पाया गया है। CAG की रिपोर्ट में कहा गया है कि सब्सिडी छोड़ने या बैंक खाते में सीधे सब्सिडी देने से सरकार को ज्यादा से ज्यादा 2000 करोड़ की बचत हुई। सरकार को प्रोपेन और ब्यूटेन के दाम में भारी गिरावट के कारण असल राहत एलपीजी के आयात खर्च में आई बड़ी कमी से हुई जिस मद में उसने करीब 11 हजार करोड़ बचाए।
बता दें कि मई में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दावा किया था कि एलपीजी सब्सिडी छोड़ने और ग्राहकों की सब्सिडी सीधे बैंक खाते में डालने से 21000 करोड़ का फायदा हुआ है। उन्होंने बताया था कि सीधे बैंक खाते में सब्सिडी देने की स्कीम शुरू करने से 3.34 करोड़ डुप्लीकेट या फर्जी खाते सामने आए थे जिनको बंद करने के मद में 14672 करोड़ की बचत हुई।
सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सब्सिडी छोड़ने और सीधे बैंक में सब्सिडी देने से सरकार को 2000 करोड़ से भी कम की बचत हुई है। सरकार ने नवंबर, 2014 में सब्सिडी को बैंक खाते में सीधे डालने की शुरुआत की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 के स्वतंत्रता दिवस भाषण में भी दावा किया था कि इन दो तरीकों से सरकार को 15000 करोड़ की बचत हुई है। बाद में भी पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दावा किया कि अगर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर नहीं होता तो सरकार को एलपीजी सेवा मुहैया कराने पर 15000 करोड़ और खर्च करना पड़ता।
सरकार की पेट्रोलियम प्लानिंग एण्ड एनलिसिस सेल के मुताबिक 2014-15 में एलपीजी आयात का खर्च 36,571 करोड़ था जो 2015-16 में गिरकर 25626 करोड़ पर आ गया। इसकी वजह ब्यूटेन और प्रोपेन गैस के दाम में भारी कमी थी। मई, 2014 में ब्यूटेन 825 डॉलर मीट्रिक टन मिल रहा था जो जुलाई, 2015 में 310 डॉलर पर आ गया। इसी तरह मई, 2014 में 810 डॉलर प्रति मीट्रिक टन मिल रहा प्रोपेन गैस जुलाई, 2015 में 295 डॉलर पर आ गया था।
गैस सब्सिडी पर सरकार के दावे की पोल खोलने वाली कैग रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बीजेपी पर निशाना साधा है। सिंघवी ने कहा कि झूठ बोलना और खोखले दावे करना बीजेपी सरकार की पहचान रही है। बीजेपी सरकार ने गैस सब्सिडी के मामले में भी जनता को गुमराह किया है और आंकड़ों का बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया है। [एजेंसी]