नई दिल्ली: भारत और चीन के रिश्ते बेहद ही नाजुक दौर से गुजर रहे हैं ऐसे में भारत के वरिष्ठ नेताओं के अध्यात्मिक गुरु और नेता दलाई लामा के कार्यक्रमों में जानें से बचना चाहिए, ऐसा कहना है केंद्र सरकार का, जिसने इस बारे में एक सूचना भी जारी की है। सरकार की ओर से इस सूचना में वरिष्ठ नेताओं और केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को इस महीने के अंत में शुरू होने वाले आध्यात्मिक गुरु के कार्यक्रम ‘थैंक यू इंडिया’ प्रोग्राम में शामिल ना होने को कहा है
आपको बता दें कि कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने साफ कहा है कि नेतागण और कर्मचारी आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा के कार्यक्रम का हिस्सा ना बने क्योंकि इस वक्त इंडो-चीन के रिलेशन पर बातें हो रही हैं, दलाई लामा के कार्यक्रम में अगर भारतीय नेतागण और कर्मचारी शामिल होते हैं तो इसका प्रतिकूल प्रभाव इस वार्ता पर पड़ सकता है, ऐसे में अगर थोड़ी सतर्कता बरती जाए तो अच्छा होगा
मालूम हो कि चीन ने तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को खतरनाक अलगाववादी बताता आया है। इससे पहले जनवरी के महीने में भारत में धार्मिक यात्रा पर आए चीनी निंयत्रण वाले तिब्बत में रह रहे तिब्बतियों को चीन ने वापस देश लौटने का फरमान जारी किया था। चीन इस बात को लेकर नाराज था कि यह तिब्बती अपनी धार्मिक यात्रा के तहत धार्मिक स्थलों पर जाने के बजाए बोध गया में दलाई लामा के प्रवचनों को सुन रहे हैं। दलाई लामा समय-समय पर चीन की सरकार की नितियों की आलोचना करते रहे हैं तो चीन भी दलाई लामा का विरोध करता रहता है लेकिन इस बार केंद्र सरकार की ओर से दलाई लामा के प्रोग्राम के लिए सूचना जारी की गई है, ये एक चौंकाने वाली बात है