केंद्र सरकार ने 10 केंद्रीय एजेंसियों को किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में रखे गए सभी डेटा की निगरानी () करने और उन्हें देखने के अधिकार दिए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय (union home ministry) के साइबर एवं सूचना सुरक्षा प्रभाग द्वारा गुरुवार देर रात गृह सचिव राजीव गाबा के जरिए यह आदेश जारी किया गया।
आदेश के मुताबिक, 10 केंद्रीय जांच और खुफिया एजेंसियों को अब सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत किसी कंप्यूटर में रखी गई जानकारी देखने, उन पर नजर रखने और उनका विश्लेषण करने का अधिकार होगा।
ये 10 एजेंसियां करेगी निगरानी
इन 10 एजेंसियों में खुफिया ब्यूरो (IB), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), प्रवर्तन निदेशालय (ED), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT), राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW), सिग्नल खुफिया निदेशालय (जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और असम में सक्रिय) और दिल्ली पुलिस (delhi police) शामिल हैं।
आदेश में कहा गया हैं कि उक्त अधिनियम (सूचना प्रौद्योगिकी कानून, 2000 की धारा 69) (it act) के तहत सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को किसी कंप्यूटर सिस्टम में क्रिएट, ट्रांसमिट, रिसीव या स्टोर किसी भी प्रकार की सूचना के अंतरावरोधन (इंटरसेप्शन), निगरानी (मॉनिटरिंग) और विरूपण (डीक्रिप्शन) के लिए प्राधिकृत करता है।
आईटी एक्ट (IT Act)
आईटी एक्ट (it act) की धारा 69 किसी कंप्यूटर संसाधन के जरिए किसी सूचना पर नजर रखने या उन्हें देखने के लिए निर्देश जारी करने की शक्तियों से जुड़ी है। पहले के एक आदेश के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय को भारतीय टेलीग्राफ कानून के प्रावधानों के तहत फोन कॉलों की टैपिंग और उनके विश्लेषण के लिए खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को अधिकृत करने या मंजूरी देने का भी अधिकार है।