एथेंस/वॉशिंगटन – आर्थिक संकट से जूझ रहा ग्रीस आईएमएफ से मिले कर्ज की किश्त नहीं चुका पाया। इसके साथ ही इस विकसित यूरोपीय देश का डिफॉल्टर करार दिया जाना और यूरोजोन से बाहर होना लगभग तय हो गया है।
यूरोजोन समूह में शामिल इस देश को आईएमएफ से मिले कर्ज की 1.6 बिलियन यूरो की किश्त 30 जून तक चुकाना थी, लेकिन उसे यह रकम चुकाने में अमर्थता जताई। आईएमएफ ने पुष्टि की है कि ग्रीस किश्त नहीं चुका पाया है। यूरोजोन ने और मोहलत देने से इनकार कर दिया है।
संकट से उबारने के लिए यूरोपीय देशों ने ग्रीस के सामने कुछ शर्तें रखी हैं। इनमें प्रमुख हैं कि ग्रीस सरकारी खर्च में कमी करे और लोगों से वसूला जाने वाला टैक्स बढ़ाए। ग्रीस सरकार इन शर्तों को मानने को राजी नहीं है। यहां तक कि प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास ने इन शर्तों को अपमानजनक करार दे दिया है।
अब सभी की नजरें 5 जुलाई पर टिकी है, जब ग्रीस में जनमत संग्रह होना है। उस दिन ग्रीस की जनता वोटिंग कर अपना मत देगी कि उनके देश को ये शर्तें माननी चाहिए या नहीं? अगर देश ने आर्थिक सुधारों की मांग को खारिज कर दिया तो 20 जुलाई को यूरो जोन की बैठक में ग्रीस डिफॉल्टर घोषित हो जाएगा और उसे यूरो जोन से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।