गुजरात हाईकोर्ट द्वारा गोधरा दंगों के दौरान क्षतिग्रस्त हुई धार्मिक इमारतों के मामले में दिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने 2002 में सरकार को इन इमारतों की मरम्मत के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया था।
खबरों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश खारिज करते हुए राज्य सरकार की मुआवजा नीति को सही ठहराया है। कोर्ट ने सरकार की नीति स्वीकार की है, जिसमें मकान दुकान की मुआवजा नीति में उचित लगने पर क्षतिग्रस्त धार्मिक इमारत का भी मुआवजा हो सकता है।
हाईकोर्ट ने धार्मिक इमारतों को हुए नुकसान के आकलन के लिए कमेटी बना दी थी। नुकसान की भरपाई सरकार को करनी थी। सरकार ने इसे सुप्रीम में चुनौती दी थी। गुजरात सरकार की सुप्रीम कोर्ट में दलील थी कि सरकार धर्मनिरपेक्ष होती है। ऐसे में सरकार किसी धार्मिक इमारत के निर्माण का खर्च नही उठा सकती।