नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर ने दक्षिण पंथी छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जिस तरह से सोशल मीडिया कैंपेन शुरु किया है, उससे सियासी पारा चढ़ गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय में उनके इस कदम की तो चर्चा हो ही रही है इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू का भी बयान आया है।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि आखिर कौन है जो दिल्ली विश्वविद्यालय की इस छात्रा के दिमाग को बहका रहा है, इसके दिमाग में गंदगी कौन भर रहा है? किरेन रिजिजू के बयान पर अब गुरमेहर कौर की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि जो कदम उन्होंने उठाया वो किसी के कहने या फिर बहकावे में आकर नहीं उठाया है।हलाकि लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा गुरमेहर कौर ने रामजस कॉलेज हिंसा को लेकर एबीवीपी के खिलाफ शुरू किए गए कैंपेन से खुद को अलग कर लिया है। लेकिन कौर ने लोगों को आज होने वाले ‘स्टूडेंट अगेन्स्ट रेप थ्रेट’ मार्च में शामिल होने की अपील की है।
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गुरमेहर कौर ने कहा कि मेरा खुद का दिमाग है। मेरे दिमाग को कोई प्रभावित नहीं कर सकता है। मैं कोई देश विरोधी नहीं हूं। उन्होंने क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के ट्वीट पर आलोचना करते हुए कहा कि मैं दुखी हूं, ये वो लोग हैं जिनके लिए आप मैच में तालियां बजाते हैं और ये आपके पिता की मौत पर आपको ट्रोल करते हैं। बता दें कि गुरमोहर कौर देशभक्त पृष्ठभूमि से आती हैं, उनके पिता कैप्टन मंदीप कौर भारतीय सेना में थे और आतंकवाद प्रभावित कश्मीर में शहीद हो गए थे। बावजूद इसके उनकी एक टिप्पणी को कुछ लोग देश के खिलाफ मान कर चल रहे हैं। इस दौरान गुरमेहर कौर को उनके कैंपेन के खिलाफ बलात्कार करने की धमकियां तक दी जा रही हैं।
गुरमेहर कौर ने मंगलवार को ट्वीट करके बताया, मैं इस कैंपेन से अलग हो रही हूं। सभी लोगों को शुभकामनाएं। अब मुझे अकेला छोड़ दें। मुझे जो कहना था, वो कह दिया।’आगे उसने अपने ट्वीट में लिखा कि यह कैंपेन स्टूडेंट्स के लिए है न की उनके लिए। अधिक से अधिक संख्या में आप लोग मार्च में शामिल हों। बेस्ट ऑफ लक।रामजस में हुई हिंसा के खिलाफ आईसा, एसएफआई समेत कई लेफ्ट स्टूडेंट्स विंग की अगुवाई में स्टूडेंट्स आज मार्च निकालेंगे। इस मार्च का नाम ‘स्टूडेंट अगेन्स्ट रेप थ्रेट’ है।
गुरमेहर को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करने के बाद रेप की धमकियां मिलने पर छात्र संगठन एकजुट होकर यह मार्च निकालेंगे। लेफ्ट विंग की अगुवाई में आज एसजीटीबी खालसा कॉलेज से 12:30 बजे ‘पब्लिक प्रोटेस्ट मार्च’ निकाला जाएगा, जिसमें स्टूडेंट्स और टीचर्स दोनों शामिल होंगे।इस मार्च में डीयू ही नहीं, जेएनयू के अलावा आईपी, अंबेडकर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स टीचर्स भी शामिल होंगे। डूटा, जेएनयूटीए ने भी इस मार्च का साथ दिया है।
दूसरी ओर दिल्ली पुलिस का कहना है कि वो उस पत्र की जांच कर रहे हैं जिसमें दिल्ली महिला आयोग की ओर से गुरमेहर कौर को सुरक्षा देने की अपील की गई है। महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बताया कि महिला आयोग की होमगार्ड्स डीयू छात्रा की सुरक्षा में तैनात किए गए हैं। गुरमेहर कौर के कैंपेन को देश भर के विश्वविद्यालयों से समर्थन मिला। उन्हें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई बड़े नेताओं का समर्थन मिला है। हालांकि कौर को कई आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल गुरमेहर कौर कहना है कि वो किसी ने नहीं डरती हैं क्योंकि वो सही के लिए लड़ रही हैं। उन्होंने ये बात सोशल मीडिया और फोन पर मिल रही धमकियों कही है। उन्होंने कहा कि ये अच्छा होगा अगर मुझे सुरक्षा मिलती है। डर मेरे खून में नहीं है। मेरे पिता ने देश के लिए गोली खाई थी और मैं भी इसके लिए पूरी तरह तैयार हूं।
बता दें कि इससे पहले उन्होंने कैंपेन के दौरान कहा था कि पाकिस्तान ने मेरे पिता को नहीं मारा, युद्ध ने उन्हें मारा है। बस उनकी इसी टिप्पणी के बाद से उन पर सवाल उठाए जाने लगे थे। क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग और बॉलीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा ने भी इसको लेकर ट्वीट किए थे। गुरमेहर कौर दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीलेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा हैं, उन्होंने एबीवीपी के खिलाफ कैंपेन छेड़ कर बोलने की आजादी का मुद्दा उठाया है। एबीवीपी, आरएसएस से जुड़ा हुआ छात्र संगठन है।
पूरे विवाद की शुरुआत पिछले दिनों तब हुई जब डीयू के रामजस कॉलेज में एक कार्यक्रम रखा गया जिसमें जेएनयू के छात्र उमर खालिद और शेहला राशिद को कॉलेज की लिटरेरी सोसायटी ने हिस्सा लेने के लिए बुलाया था। हालांकि उमर खालिद पर जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है जिसके खिलाफ एबीवीपी ने विरोधी सुर बुलंद किया। हंगामा बढ़ने पर रामजस कॉलेज ने उमर खालिद और शेहला राशिद का आमंत्रण रद्द कर दिया। जिसको लेकर लेफ्ट विचारधारा के छात्र संगठन आईसा ने विरोध मार्च निकाला। जिसमें एबीवीपी और आईसा समर्थकों के झड़प हुई। इसी विवाद के बीच डीयू की छात्रा गुरमेहर कौर ने ‘मैं एबीवीपी से नहीं डरती’ सोशल मीडिया कैंपेन शुरु किया था। जिसमें उन्होंने अपना फेसबुक प्रोफाइल पिक्चर बदला था और लिखा था कि मैं डीयू की छात्रा हूं। मैं एबीवीपी से नहीं डरती हूं। मैं अकेली नहीं हूं। भारत के सभी छात्र में साथ हैं।