असम में एक पूर्व एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह कार्रवाई उक्त अधिकारी के नौकरी छोड़ने से पहले संवेदनशील दस्तावेज के पासवर्ड नहीं देने के चलते की गई है। हाल ही में असम के अपडेटेड नागरिकता डाटा वेबसाइट nrcassam.nic.in से गायब हो गया था। इस पर काफी विवाद हुआ।
एनआरसी के राज्य समन्वयक हितेश देव सरमा ने बृहस्पतिवार को बताया कि पूर्व एनआरसी प्रोजेक्ट अधिकारी के खिलाफ पल्टन बाजार पुलिस स्टेशन में सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई गई है क्योंकि उन्होंने कई बार याद दिलाए जाने के बादवजूद दस्तावेज का पासवर्ड मुहैया नहीं कराया।
उन्होंने कहा कि पिछले 11 नवंबर को अपना इस्तीफा देने के बाद भी उन्होंने पासवर्ड सरेंडर नहीं किया। वह संविदा कर्मचारी थी और नौकरी छोड़ने के बाद पासवर्ड रखने का उनके पास कोई अधिकार नहीं था। सरमा ने बताया कि एनआरसी कार्यालय ने उन्हें पासवर्ड मुहैया कराने के लिए कई बार लिखा लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।
सरमा ने कहा, इसके बाद बुधवार को उनके खिलाफ सरकारी गोपनीयता कानून के उल्लंघन के लिए शिकायत दर्ज कराई गई। उन्होंने कहा कि अब यह पता लगा रहे हैं कि क्या उन्होंने इस्तीफा देने के बाद संवेदनशील जानकारी के साथ छेड़छाड़ तो नहीं की। हालांकि उन्होंने डाटा के अचानक गायब होने पर किसी गलत मंशा से इनकार किया।
उन्होंने कहा कि डाटा के लिए क्लाउड सर्विस विप्रो मुहैया करा रही है। पूर्व समन्वयक ने कंपनी के साथ करार रिन्यू नहीं किया था। इसके चलते पिछले साल 15 दिसंबर को डाटा ऑफलाइन चला गया। उन्होंने 24 दिसंबर को अपना पदभार संभाला। एनआरसी राज्य समन्वयक नियुक्त किए जाने के बाद सरमा एक हफ्ते की छुट्टी पर चले गए थे।
उन्होंने कहा कि 30 जनवरी को इस मुद्दे पर राज्य समन्वय समिति की बैठक में चर्चा हुई और फरवरी के पहले हफ्ते में विप्रो को खत लिखा गया। एक बार विप्रो डाटा को ऑनलाइन कर दे तो यह जनता के लिए मुहैया हो जाएगा। उन्होंने बताया कि अगले दो से तीन दिन में लोग डाटा को देख सकेंगे।
एनजीओ असम पब्लिक वर्क्स (एपीडब्ल्यू) ने बुधवार को राज्य के आपराधिक जांच विभाग में एक एफआईआर दर्ज कराई। इसमें पूर्व एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला पर अंतिम एनआरसी सूची के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है। अंतिम एनआरसी सूची 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित की गई थी।
Guwahati Police on has filed an FIR against a former official of National Register of Citizens