न्यूयार्क : आतंकवाद के समर्थन पर दुनिया भर की खरी-खोटी सुन रहे पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ मंगलवार को आखिरकार फट पड़े। उन्होंने अमेरिका में ही खड़े होकर उस पर 20-30 साल पहले आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप जड़ दिया।
बोले, कुछ साल पहले तक हाफिज सईद और हक्कानी जैसे लोग आपके “डार्लिंग” हुआ करते थे। व्हाइट हाउस में उनका स्वागत-सत्कार किया जाता था। आज जब समय बदला है तो पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। आसिफ एशिया सोसायटी फोरम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा, हक्कानी नेटवर्क, हाफिज सईद और उसके संगठन लश्कर-ए-तैयबा को बढ़ावा देने के लिए इस्लामाबाद को जिम्मेदार ठहराना बहुत आसान है। हम भी इन्हें बोझ मानते हैं। लेकिन इनसे छुटकारा पाने में हमें वक्त चाहिए। हमारे पास इनसे छुटकारा पाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। हम साथ मिलकर पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर काम करना चाहते हैं जिससे वहां पर आतंकियों की आमद-रफ्त को रोका जा सके।
आसिफ ने कहा कि उनका देश अफगानिस्तान के साथ शांति और सौहार्द वाले संबंध चाहता है। सेना के इस्तेमाल से अफगान समस्या का समाधान नहीं होगा, वहां पर शांति स्थापित नहीं होगी। अफगानिस्तान की समस्या के लिए पाकिस्तान को बलि का बकरा बनाना उचित नहीं है। वहां के हालात के लिए पाकिस्तान बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने सफाई दी कि उनके देश की धरती का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ साजिश रचने के लिए नहीं किया जाता है। आतंकवाद के खात्मे के लिए पाकिस्तान अमेरिका के साथ मिलकर लड़ना चाहता है।
आसिफ संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में भाग लेने के लिए इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। हाफिज सईद 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है जिसमें कई विदेशियों समेत 166 लोग मारे गए थे। जबकि हक्कानी नेटवर्क तालिबान की शाखा है जो अफगानिस्तान में अशांति के लिए खासतौर पर जिम्मेदार है।