भोपाल- प्रदेश को इस साल 52 सीटों का कम कोटा मिला है, जिससे हज यात्रियों में निराशा है। कोटा बढ़वाने की मांग को लेकर मप्र हज कमेटी के अध्यक्ष इनायत हुसैन कुरैशी जल्द ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह से मिलेंगे। बीते वर्ष राज्य को 2,752 सीट आवंटित हुई थी।
मप्र स्टेट हज कमेटी कम से कम 5 हजार का कोटा देने की मांग कर रही है। इस वर्ष सेंट्रल हज कमेटी ने मप्र को 2720 सीटों का कोटा दिया है। यह गत वर्ष के मुकाबले 52 सीटें कम हैं। इस साल 22 हजार से ज्यादा आवेदन आए हैं।
ऐसे में हज कमेटी के सामने दुविधा उत्पन्न् हो गई है कि उसे आरक्षित वर्ग में भी कुर्रा कराना होगा। इससे पहले लगातार चार साल से आवेदन कर रहे असफल आवेदकों और 70 साल से अधिक के आवेदकों को प्राथमिकता के आधार पर हज यात्रा पर भेजा जाता था। इनके लिए सीटें आरक्षित रहती थीं। हज 2016 के लिए आरक्षित वर्ग में 4 हजार से अधिक आवेदन आए हैं, जबकि कुल कोटा सिर्फ 2720 है।
क्यों कम मिला कोटा
इस वर्ष कम कोटा मिलने के पीछे दूसरे राज्यों से हज के ज्यादा आवेदन आना बताया जा रहा है। पिछले वर्षों में देश के कुछ छोटे राज्यों से आवेदन कम आते थे, इसलिए वहां का कोटा मप्र को मिल जाता था। इस साल वहां आवेदन ज्यादा आए हैं, जिससे उनका कोटा प्रदेश को नहीं मिला।
राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष इनायत हुसैन कुरैशी के मुताबिक इस वर्ष हज यात्रा के लिए कुल 22 हजार 841 आवेदन आए हैं। इनमें से आरक्षित श्रेणी (70 वर्ष से अधिक उम्र वाले) के 960, श्रेणी-बी (चार वर्ष से लगातार आवेदक) के 2,775 और सामान्य श्रेणी के 19 हजार 106 आवेदन मिले हैं। पिछले साल कमेटी को 21 हजार 419 आवेदन मिले थे।
बीते वर्षो की तुलना में इस बार ज्यादा लोग हज यात्रा पर जाना चाहते हैं, लिहाजा हज कमेटी ने केंद्र सरकार से राज्य के लिए आवंटित कोटे में वृद्धि की मांग की है !