नई दिल्ली: अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति हार्दिक पटेल के अनशन का नौवां दिन शुरू हो गया है। बिगड़ती तबीयत को देखते हुए हार्दिक पटेल ने नौवें दिन अपनी वसीयत भी जारी की। हार्दिक ने अपनी वसीयत में संपत्ति का बंटवारा माता-पिता और एक गोशाला के बीच करने को कहा है। हार्दिक पटेल ने पाटीदार आरक्षण समेत अपनी अन्य मांगों को पूरा करने के लिए 25 अगस्त से अनशन शुरू किया था। आठवें दिन आते-आते हार्दिक की तबीयत काफी खराब हो गई, लेकिन उन्होंने डॉक्टरों की मदद लेने से इनकार कर दिया है।
हार्दिक पटेल ने अपनी वसीयत जारी करते हुए कहा, ‘मैं भाजपा सरकार के खिलाफ 25 अगस्त से अनशन कर रहा हूं। दर्द, बीमारी, अंदरूनी चोटों और संक्रमण से मेरा शरीर कमजोर हो गया है। ऐसे हालात में, मेरी आत्मा कभी भी ये शरीर छोड़ सकती है। इसलिए मैंने अपनी वसीयत की घोषणा करने का ऐलान किया है।’ हार्दिक पटेल के एक करीबी ने बताया कि अगर हार्दिक को कुछ भी होता है तो उनके बैंक में जमा 50,000 की कुल धनराशि में से 30,000 रूपये उनके माता-पिता, भरत और ऊषा पटेल को दे दिए जाएंगे।
वहीं बची हुई धनराशि उनके पैतृक गांव के पास एक गौशाला को दी जाएगी। इसके अलावा हार्दिक पटेल ने अपनी पब्लिश होने वाली बुक ‘Who Took My Job’ से मिलने वाली धनराशि का भी बंटवारा कर दिया है। इस किताब के पब्लिश होने के बाद जो धनराशि प्राप्त होगी, उसमें से 30 फीसदी राशि उनके माता-पिता और बहन को दी जाएगी। वहीं बाकी बची 70 फीसदी धनराशि उन 14 पाटिदारों परिवारों को दी जाएगी जिनके घर से युवा अगस्त 2015 में हुए कोटा आंदोलन हिंसा में पुलिस फायरिंग में मारे गए थे।
हार्दिक पटेल ने अपनी आखिरी इच्छा भी जाहिर की है। हार्दिक अपनी आंखें दान करना चाहते हैं। हार्दिक पटेल किसानों की ऋण माफी, पाटीदार-आरक्षण और राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किए गए साथी अल्पेश कथिरिया की रिहाई की मांग को लेकर 25 अगस्त से ग्रीनवुड रिसार्ट स्थित अपने आवास में अनशन पर बैठे हैं।