गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने मध्यप्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भी सक्रिय होने के संकेत दिए हैं। भोपाल में सोमवार को मीडियाकर्मियों से रू-ब-रू हुए। हार्दिक से यह पूछने जाने पर कि क्या वह मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे?
हार्दिक ने कहा, ‘अच्छा काम करने में कोई दिक्कत नहीं है और वह अच्छा काम करते रहेंगे।’ पाटीदार सम्मेलन में हिस्सा लेने एक दिन के प्रवास पर आए हार्दिक ने कहा कि राज्य में युवाओं व किसानों के लिए वह कुछ अच्छा करने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों के अनेक मुद्दे हैं, जिन पर वह बात करते रहे हैं और करते रहेंगे। यह उनका कर्तव्य और कर्म है, वह इसे करते रहेंगे।
भाजपा को निशाना बनाते हुए हार्दिक ने कहा कि देश के अन्य हिस्सों की तरह मध्यप्रदेश में भी झूठी राजनीति होगी और लोगों को तोड़ने का काम भी होगा।
पाटीदार सम्मलेन में केंद्र व राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए हार्दिक ने कहा कि कई ताकतें मध्यप्रदेश में घुसने पर मुझे फर्जी केस में फंसाने की धमकी दे रही थीं। लेकिन मैं डरा नहीं। उनका कहना था कि मैं जहां जाता हूं, वहां समाज को बांटता हूं, जातिवाद फैलाता हूं। मेरा कहना है कि किसानों, युवाओं और रोजगार की बात करना यदि जातिवाद है तो यह मुझे अच्छा लगता है। यह सरकार खुद को किसान हितैषी बताती है पर ऐसा है नहीं। कृषि में अवार्ड मप्र सरकार को मिले, किसानों को क्या मिला।
‘हमको उनसे राष्ट्रभक्ति का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए’
हार्दिक ने भाजपा पर कटाक्ष किया कि, ‘जो लोग देश को तोड़ने की बात करते हैं और हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करते हैं, उसे वे जातिवाद नहीं कहते बल्कि राष्ट्रभक्ति कहते हैं। हमको उनसे राष्ट्रभक्ति का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। हमारे पुरखे वीर शिवाजी और सरदार पटेल ने हमारी राष्ट्रभक्ति का सर्टिफिकेट बड़े बड़े अक्षरों में पहले ही लिख दिया है।’
मप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा पकौड़े बेचने को रोजगार बताए जाने पर हार्दिक ने तंज किया कि उनके बेटा-बेटी को पकौड़ा बेचना चाहिए, वह खाने आएंगे। भेल के दशहरा मैदान पर हुए सम्मेलन में बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया। खुद हार्दिक भी रविवार की शाम यहां आ गए थे।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होना हैं। हार्दिक से पहले गुजरात के पिछड़े वर्ग के नेता अल्पेश ठाकोर भी पिछले दिनों मध्य प्रदेश का दौरा कर चुके हैं। गुजरात चुनाव में हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश मेवाणी की तिकड़ी ने भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी।