चंडीगढ [ TNN ] हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के पक्ष में आते देख राज्य में भाजपा शासित सरकार के गठन की चर्चा जोर पकड़ गई है। कई ब्यूरोके्रट्स यानी आईएएस अफसरों ने भी नई सरकार में आने वाले चेहरों के साथ लिंक बढ़ाने की कोशिशें शुरु कर दी हैं। पार्टी में वे वरिष्ठ नेता ज्यादा सक्रिय हो गए हैं जो खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानते हैं।
हरियाणा में ऐसे आठ नेता तो सबके सामने आ ही चुके हैं। अगर इनमें से किसी की लाटरी न लगी तो पार्टी हाईकमान दिल्ली दरबार से ‘नवरत्न’ भी भेज सकता है। जानकारी के अनुसार, इस समय कैप्टन अभिमन्यु, चौ. बीरेंद्र सिंह व ओमप्रकाश धनखड़ प्रमुख दावेदार हैं, जबकि गैर जाट नेताओं में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व कृष्णपाल गुर्जर के अलावा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रामबिलास शर्मा, मनोहर लाल खट्टर व अनिल विज का नाम चल रहा है।
इनमें से कौन कौन चुनाव में जीत दर्ज करता है, रविवार को नतीजे मिलने पर साफ हो जाएगा। जाहिर है कि जो चुनाव हार जाएगा, मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर हो जाएगा। यूं चौ. बीरेंद्र सिंह ने चुनाव ही नहीं लड़ा है।
राज्य में भाजपा में एक वर्ग जहां जाट मुख्यमंत्री की बात कर रहा, वहीं एक बड़ा वर्ग गैर जाट क्षेत्रों में मिलती दिख रही बड़ी सफलता को सामने रखकर किसी गैर जाट नेता को ही कमान सौंपने की वकालत कर रहा है।
बदलते समीकरण में किसी गैर जाट को ही सीएम बनाने की चर्चा को भी बल मिलता दिख रहा है। गैर जाट में ब्राह्मण नेता के रूप में रामबिलास शर्मा और पंजाबी नेता के रूप में मनोहरलाल खट्टर व अनिल विज का नाम चर्चा में है। इसी तरह पिछड़ा वर्ग से राव इंद्रजीत सिंह व कृष्णपाल गुर्जर के नाम चर्चा में हैं।
रिपोर्ट- मीणा के मेहता