चंडीगढ़- 2012 में मारुति सुजुकी फैक्ट्री हिंसा केस में हरियाणा की जिला अदालत ने फैसला सुनाया है। इसके तहत 31 लोगों को दोषी करार दिया गया है और 117 लोगों को बरी कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि तकरीबन पांच वर्ष पहले गुड़गांव की मारुति फैक्ट्री में कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच हिंसक संघर्ष हो गया था। उसमें एक शख्स की मौत हो गई थी।
मामले की सुनवाई अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल कर रहे थे। हालांकि दोषियों को कितनी सजा दी जाएगी इसका फैसला अभी नहीं किया गया। कर्मचारियों पर देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के मानेसर स्थित प्लांट पर हिंसक झड़प में लिप्त रहने के आरोप थे।
बता दें कि 18 जुलाई 2012 को श्रमिकों के प्रदर्शन के दौरान मारुति सुजुकी के जनरल मैनेजर (HR) अवनीश देव की मौत हो गई थी, आरोप लगे थे कि उन्हें जिंदा जलाकर मारा गया था। दरअसल कंपनी ने कम कीमत वाले कुछ अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती कर ली थी, जिसके विरोध में कंपनी के दूसरे कर्मचारी हड़ताल करने लगे। 18 जुलाई को यह हड़ताल हिंसा में बदल गई। अविनाश देव की उस समय मौत हो गई जब प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने कथित तौर फैक्ट्री में आग लगा दी। मामले में 148 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था। जिसमें से 11 अभी भी जेल में हैं जबकि बाकियों को बेल पर रिहा कर दिया गया था। [एजेंसी]