करनाल [ TNN ]धार्मिक डेरों का जिन्न खट्टर सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहा है ,बरवाला का मामला अभी निपटा नहीं था एक दुसरे मामले ने खट्टर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है , मामला खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के गृह जिले करनाल के धार्मिक डेरे की जमीन से जुड़ा है ! करोड़ों ही नहीं अपितु अरबों रूपये के इस जमीन घोटाले में लम्बे समय से चल रही जाँच की आंच खुद हरियाणा सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारीयों तक पहुँच रही है और उनके सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है !
कांग्रेस सरकार में आठ साल पूर्व इस घोटाले की नींव तब रखी गई थी जब प्रशाशन ने बाबा भगवान गिरी पस्ताना के धार्मिक डेरे की सरप्लस घोषित 500 एकड़ जमीन को गलत तरीके से अयोग्य लोगों में बाँट दिया गया , इस बंदरबांट में करनाल के तत्कालीन पटवारी से लेकर तहसीलदार और उच्च प्रशाशनिक अधिकारीयों ने जमकर अपनी पावर का इस्तेमाल किया और जमीन बांटने में दलीय भेदभाव को दरकिनार करते हुए काग्रेस से लेकर इनेलों नेताओं तक को फायदा पहुँचाया ,जबकि नियमानुसार यह जमीन पुराने मुजारों ,पिछड़ी जाति और गाँव के स्थाई तौर पर रहने वालों को दी जानी थी ! लेकिन अरबो रूपये की कीमती कृषि जमीन ना केवल अपने और नेताओं के रिश्तेदारों को दे दी गई अपितु दूर दराज के लोगों को भी कौडिय़ों के भाव जमीन का आबंटन कर दिया गया जो पूरी तरह गैरकानूनी था ! हालांकि उस समय भी ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने इस मामले की आवाज उठाई लेकिन अधिकारी और मौजूदा सरकार मामले को दबाने और अपने अधिकारियों का बचाव करती रही !
उस समय डेरे के संचालकों और डेरे की देखभाल करने वाले ट्रस्ट के सदस्यों ने इसकी शिकायत तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा तक से की ,जिस पर मुख्यमंत्री के उडऩदस्ते ने इस मामले की जाँच शुरू कर दी और अपनी जांच में सभी आरोपों को सही पाया ! वर्ष 2006 में मुख्यमंत्री के उडऩदस्ते ने अपनी रिपोर्ट में खरीदारों और आबंटन करने वाले अधिकारीयों को दोषी मानते हुए कार्यवाही की सिफारिश की थी ! लेकिन जमीन घोटाले में वरिष्ठ अधिकारीयों और नेताओं के रिश्तेदारों के शामिल होने के चलते इस रिपोर्ट को ठन्डे बसते में डाल दिया गया !
न्याय के लिए धक्के खा रहे डेरे के पैरवीकारों ने न्याय की मांग को लेकर मार्च 2013 में पंजाब हरियाना हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की जिस पर कोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब माँगा , कोर्ट का नोटिस आते ही तत्कालीन सरकार ने आनन फानन में 2 जून 2014 को करनाल के बुटाना थाने में इससे सम्बंधित ऍफ़ आई आर दर्ज करते हुए करनाल एस पी को मामले की स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने को कहा ! यह वोही एक्सक्लूसिव शपथ पत्र की कॉपी जो करनाल पुलिस अधिक्षक अभिषेक गर्ग ने पिछले महीने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में दी है जिसमें साफ़ साफ़ इन आरोपी अधिकारियों के नाम लिखे हुए है जिन्होंने यह करोड़ो रुपयों का जमीनी घोटाला किया है !
पुलिस में दर्ज शिकायत में मुख्यमंत्री के उडऩदस्ते की रिपोर्ट को आधार मानते हुए जमीन लेने वाले और उन्हें जमीन अलाट करने वाले अधिकारीयों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई थी ! कोर्ट का दबाव पडऩे के बाद सरकार के निर्देश पर अब हाल ही में करनाल एस पी अभिषेक गर्ग ने मामले में स्टेट्स रिपोर्ट पेश कर दी है जिसमे उन्होंने अन्य आरोपियों के आलावा तत्कालीन अधिकारीयों सहित वर्तमान में करनाल के अतिरिक्त उपायुक्त गिरीश अरोड़ा को दोषी मानते हुए उन्हें गिरफ्तार करने की बात कही है ! अब देखने वाली बात यह होंगी की आखिर कब तक इन आरोपी भष्र्ट अधिकारियो के खिलाफ खट्टर सरकार कोई कारवाही करती है !
रिपोर्ट -अनिल लाम्बा