जींद- हरियाणा के डीजीपी केपी सिंह के एक विवादित बयान के बाद विवाद बढ़ गया है। डीजीपी केपी सिंह ने जींद में एक सेमीनार को संबोधित करते हुए अजीबोगरीब बात कह दी। उन्होंने कहा कि अगर कोई किसी का घर, मकान और दुकान जलाता है, यदि कोई किसी को जान से मारने की कोशिश करता है तो कानून एक आम आदमी को भी यह अधिकार देता है कि वह उसकी जान ले ले और इस बात का नागरिकों को पता नहीं है। जनता को अपराधी की जान लेने का अधिकार है। अगर अपराधी रेप जैसी वारदात को अंजाम देता है या फिर किसी संपत्ति को जलाता है तो आम आदमी को भी ऐसे अपराधी को जान से मारने का अधिकार है। डीजीपी जींद में पंचायती राज और पुलिस के कार्यक्रम में बोल रहे थे।
डीजीपी ने यह भी कहा कि यह केवल पुलिस का ही अधिकार नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि अगर कोई आपके सामने किसी मां-बहन की बेइज्जती करता है तो कानून आपको यह अधिकार देता है कि आप उसकी जान ले लें। इसलिए आप नागरिक के रूप में अपनी भूमिका को समझिए। पुलिस का तो यह काम है, पुलिस ने तो वर्दी पहनी है, पुलिस को तो तनख्वाह मिलती है लेकिन आप भी अपनी भूमिका को समझिए। अगर आप इस भूमिका को निभाने में सक्षम नहीं है तो आप कायरता की परिभाषा में आते हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आगे से कोई ऐसा आंदोलन प्रदेश में होता है तो, उपद्रवियों को कड़ा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस ने तो वर्दी पहनी है, उसकी ड्यूटी बनती है लेकिन आम आदमी भी इस प्रकार के मामलों में अपराधी की हत्या कर सकता है। बता दें कि हरियाणा में पिछले कुछ समय के अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है और इस पर पुलिस और प्रशासन की ओर से उठाए गए कदम फिलहाल नाकाफी साबित हो रहे हैं। जाट आरक्षण के दौरान हुई हिंसा और आजगनी के बाद पुलिस-प्रशासन की जमकर किरकिरी हुई थी व पुलिस पर लापरवाही बरतने के गंभीर आरोप लगे थे।
गौर हो कि डीजीपी केपी सिंह 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्हें जाट आंदोलन के बाद हरियाणा का डीजीपी नियुक्त किया गया है।