जोधपुर- राजस्थान उच्च न्यायालय ने अपने ही आश्रम की एक नाबालिग लड़की के साथ यौन दुराचार के मामले में फंसे स्वयंभू संत आसाराम की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी है। आसाराम दो सितंबर, 2013 से जोधपुर केंद्रीय कारागार में कैद हैं।
जस्टिस कौर ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ट्रायल पूरा हो चुका है, अभियोजन के सभी गवाह पूरे हो गए हैं इसलिए जमानत याचिका को खारिज किया जाता है।
जमानत की उम्मीद लगाए बैठे आसाराम और उनके समर्थकों के चेहरे मायूस हो गए जमानत खारिज होने का मलाल उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था। उन्हें उम्मीद थी कि जिस तरह पैरवी की थी उससे तो जमानत मिल ही जाएगी। पूर्व में भी जिला एवं सत्र न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक आसाराम की आठ जमानत याचिका खारिज हो चुकी है और यह नौवां जमानत आवेदन था।
आसाराम ने उच्च न्यायालय में तीसरी बार जमानत याचिका दायर की थी। उन्होंने 18 जुलाई को भी एक याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने उसे भी खारिज कर दिया था।
आसाराम के वकील सेवा राम ने बताया, “हम जल्द ही सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाएंगे।”
एक 16 वर्षीय लड़की ने आसाराम के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने जोधपुर के पास स्थित अपने आश्रम में उसका यौन शोषण किया था।
लड़की ने शिकायत में कहा था कि आश्रम के उनके सहायोगियों ने यह कहकर उसे जोधपुर आश्रम भेजा था कि उस पर ‘बुरा साया’ है, जिसे वह दूर कर सकते हैं।
पुलिस ने लड़की की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मध्य प्रदेश में इंदौर स्थित आश्रम से आसाराम को गिरफ्तार किया था। उन्हें एक सितंबर, 2013 को जोधपुर लाया गया था।