लखनऊ : यूपी सरकार के वक्फ बोर्ड पर लिए गए फैसले को इलाहबाद हाईकोर्ट ने करारा झटका दिया। इस वजह से योगी सरकार की बड़ी किरकिरी हो रही है।
बता दें योगी सरकार ने बोर्ड में अनियमितता व घोटाले की आशंका के मद्देनजर यूपी सरकार ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी और बोर्ड के छह सदस्यों को हटा दिया था। उन सभी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहाल कर दिया है।
राज्य सरकार ने शिया-सुन्नी वक्फ बोर्डों में भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश भी की थी।
विभाग ने दोनों बोर्ड के अध्यक्षों पर वक्फ संपत्तियों में करोड़ों रुपये के घोटाले और अनियमितता का आरोप लगाया था।
शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड में 10 सदस्य हैं। इनमें से छह सदस्य अखिलेश यादव सरकार ने नामित किए थे।
हटाए गए सदस्यों में कौशांबी निवासी पूर्व राज्यसभा सदस्य अख्तर हसन रिजवी, मुरादाबाद के सैयद वली हैदर, मुजफ्फरनगर की अफशां जैदी, बरेली के सैयद आजिम हुसैन जैदी, शासन में विशेष सचिव नजमुल हसन रिजवी तथा आलिमा जैदी शामिल हैं, जिन्हें फिर से बहाल कर दिया गया है।