मुंबई – मुंबई में हुए 26/11 हमले की साजिश रचने वाला लश्कर का आतंकी डेवि़ड कोलमैन हेडली सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुंबई हाईकोर्ट में पेश हुआ। इस दौरान उसने कई अहम खुलासे किए। उसने बताया कि उसने मुंबई हमले से पहले आठ बार भारत की यात्रा कि इसमें से सात बार वह मुंबई गया।
गौरतलब है कि पिछले साल हेडली को भारत सरकार ने यह भरोसा दिलाया था कि उसके सारे गुनाह माफ कर दिए जाएंगे जिसके बाद हेडली सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार हो गया था। मुंबई होईकोर्ट में गवाही के दौरान हेडली अपने गुनाह भी कबूलेगा। साथ ही वह हमले के पीछे पाकिस्तान के हाथ को भी बेनकाब करेगा।
उनसे यह भी कबूल किया है कि वह लश्कर-ए-तैय्यबा का एक सच्चा सिपाही है। हेडली ने बताया की उनसे 2006 में अपना नाम दाउद गिलानी से बलकर डेविड कोलमैन हेडली कर लिया था। इसी नाम के बल पर उसने भारत आने के लिए अपना नया पासपोर्ट बनवाया।
मुंबई हमले से पहले हेडली करीब छह बार भारत आया था और मुंबई के प्रमुख स्थानों पर रेकी की थी। ऐसा पहली बार हो रहा है कि भारत की किसी अदालत में सीधे विदेश से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उसका बयान दर्ज कराया जाएगा। भारत मे हमले की साजिश रचने के आरोप में हेडली पहले से ही अमेरिका में सजा काट रहा है।
विशेष लोक अभियोजक उज्वल निकम ने बताया कि भारत में यह पहली बार हो रहा है, जब कोई विदेशी आतंकी भारतीय अदालत के सामने पेश होगा। निकम ने कहा कि हेडली की गवाही से 26/11 हमले के पीछे की कई जानकारी सामने आ सकती है। सोमवार के बाद हर दिन हेडली सुबह सात बजे से लेकर दोपहर के 12.30 बजे तक कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश होगा।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हेडली अपनी गवाही में 166 लोगों की जान लेने वाले इस हमले से जुड़े कई लोगों के नाम ले सकता है। उन्होंने कहा कि वह मामले में पाकिस्तान का हाथ होने के सबूत भी दे सकता है। 26/11 मुंबई हमले के आरोप में हेडली अमेरिकी की जेल में 35 साल की सजा काट रहा है।