तमिलनाडु से एक ऐसी तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे लेकर कई सवाल खड़े हो गए। एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर घुटनों के बल एक छात्र के सामने बैठकर हाथ जोड़े हुए थे। इसे देखकर हर किसी के मन में सवाल खड़ा हो गया कि आखिर हेडमास्टर जी बालू को ऐसा करने की नौबत क्यों आई।
दरअसल, यह तस्वीर विल्लुपुरम के हेडमास्टर जी बालू की है। जो स्कूल में रोज आने की विनती छात्रों से कुछ अलहदा अंदाज में कर रहे हैं। तस्वीर को 24 जनवरी को लिया गया था। इस बारे में 56 वर्षीय बालू ने बताया कि वह 12वीं कक्षा के छात्र के सामने हाथ जोड़ रहे हैं ताकि वह रोज स्कूल आए। मैं इसलिए उससे भीख मांग रहा था, ताकि वह अपने जीवन में प्रगति कर सके।
यह मामला अपने आप में रोचक इसलिए है क्योंकि राज्य में शिक्षक उत्पीड़न के कारण छात्र आत्महत्याओं की घटना अक्सर सामने आती है। ऐसे में जी बालू की यह पहल वाकई प्रसंशनीय है। हेडमास्टर ने कहा कि मैंने व्यक्तिगत रूप से 150 से अधिक छात्रों के घरों का दौरा किया है, जो मेरे स्कूल में जाते हैं। मैं उन्हें इस तरीके से अच्छी तरह से अध्ययन करने और कक्षाओं में नियमित रूप से आने के लिए कहता हूं।
उन्होंने तीन साल पहले ऐसा करना शुरू किया था, जब वह चेंगलपेट में एक स्कूल चलाते थे और दावा करते हैं कि उसने उसे और उसके विद्यार्थियों को करीब बना दिया है। बालू कहते हैं कि बच्चों को डांटने या मारने से उनमें सुधार नहीं आएगा, बल्कि इससे उनमें गुस्सा बढ़ेगा और वे पढ़ाई से दूरी बनाने लगेंगे।
बालू के स्कूल में 1000 से अधिक छात्र हैं, जो छठवीं से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं में पढ़ते हैं। वह मुख्य रूप से उन किशोरों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो 12वीं कक्षा में पढ़ते हैं। हेडमास्टर के मुताबिक, स्कूल में आने वाले छात्र मुख्य रूप से अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के हैं और उनके माता-पिता कृषि श्रमिक हैं। लिहाजा इन गरीब बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करने का कोई अन्य साधन नहीं है।