संतुलित और सेहतमंद जीवनशैली हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़, ओबेसिटी, कैंसर, ओस्टियोपोरोसिस, हार्ट अटैक, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, फैटी लीवर और पॉलीसाइस्टिक ओवेरियन डिसीज जैसी जीवनशैली की बीमारियों को रोकने और ठीक करने में अहम भूमिका निभाता है।
संतुलित वजन सेहत की तरफ पहला कदम है। झटपट खाने, तनावपूर्ण माहौल की वजह से लोग आरामदायक खाने, पूरा दिन अंदर काम, जीरो साइज ने संतुलित वजन और सम्पूर्ण आहार को बिगाड़ दिया है। लोग यह नहीं समझते कि हमें अपने वजन के हिसाब से 30 गुना ज्यादा कैलरीज लेनी होती है, सभी पौष्टिक तत्व लेना जरूरी है।
इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मानद महासचिव डॉ केके अग्रवाल ने कहा कि 6 ग्राम से कम सोडियम लेना चाहिए। ट्रांस फैट, जो कि वनस्पति घी में होता है, दिल के लिए हानिकारक होता है और अच्छा कैलोस्ट्राल कम करके बुरे को बढ़ाता है। दिल के रोगियों को इससे बचना चाहिए। सफेद ब्रैड, आटा, चावल और चीनी इत्यादि बहुत कम सेवन करने चाहिए। सम्पूर्ण अनाज, ग्रीन सीरियल्स और ओट मील खाना चाहिए।
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने नई ईटवैल गाइड जारी की है जिसमें ज्यादा फल, सब्जियां और स्टार्च कार्बोहाइट्रेड और कम चीनी वाले पकवान शामिल हैं।
यह गाइड साइंटिफिक एडवाइजरी कमेटी ऑन न्यूट्रीशियन की 2015 की कार्बोहाइट्रेड एंड हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार पुरानी ईटवैल प्लेट की जगह ले रही है।
नई ईटवैल प्लेट में ज्यादा फल, सब्जियां और स्टार्च, कार्बोहाइट्रेड और कम चीनी वाले पकवान और होलग्रेन शामिल हैं। मीठे पेय पदार्थ, उच्च फैट, नमक और चीनी वाले पकवान हटा दिए गए हैं और कहा गया है कि यह सेहतमंद और संतुलित आहार का जरूरी हिस्सा नहीं है।
बालिग महिलाओं को 6 ग्राम नमक और 20 ग्राम सेचुरेटेड फैट और पुरुषों के लिए 30 ग्राम चीनी प्रतिदिन काफी है। चीनी और मीठे पेय और कनफैक्शनरी कम से कम सेवन करें। बालिगों को प्रतिदिन छह से आठ ग्लास पानी, कम फैट वाला दूध और बिना चीनी की चाय व कॉफी लेनी चाहिए।