एक नये शोध के मुताबिक एक आश्चर्यजनक तथ्य सामने आया है कि विश्व की 76 प्रतिशत आबादी यानी करीब 5 . 5 अरब लोग मोटापे के शिकार हैं। शोधकर्ताओं ने आगाह किया है कि यह धीरे-धीरे विकराल रूप लेता जा रहा है। इसके साथ ही इससे जटिल व पाचन संबंधी गंभीर बीमारियों के खिलाफ वैश्विक स्वास्थ्य प्रयासों में अब बदलाव करने की अपील की है।
शोधकर्ताओं ने मोटापे के पीछे की एक विशिष्ट धारणा को रेखांकित किया है कि जरूरत से ज्यादा वसा होने से स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ता है। इस शोध में न्यूजीलैंड के ऑकलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ता भी शामिल हैं।
मौजूदा आंकड़ों के अनुसार यह बात सामने आयी है कि अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त लोगों की संख्या में हुई वृद्धि ने इसको मोटापे की उस श्रेणी में डाल दिया जिसमें सामान्य वजन के लोग भी शामिल हैं।
इसके मुख्य अध्ययनकर्ता और ऑस्ट्रेलिया के मैफ फिटनेस प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ फिलिप मैफेटोन ने कहा, ‘‘मोटापे के इस विकराल रूप ने उन लोगों को भी अपने आगोश में ले लिया है जो लोग व्यायाम करते हैं और यहां तक कि वे लोग भी जो खेलों में काफी अच्छे है ।’मैफेटोन ने बताया, ‘‘मोटापे की इस श्रेणी में सामान्य वजन के लोग भी शामिल हैं जिससे जटिल बीमारियों के लिए खतरा और बढ़ गया है।
यह खतरा ज्यादा मोटे लोगों के साथ-साथ उनके लिए भी है जिनको सामान्य वजन का समझा जाता है।’’ पिछले तीन से चार दशकों में मोटापे का यह भयावह चेहरा काफी हद तक बढ़ गया है जिससे ज्यादातर लोग अस्वस्थ होने की कगार पर हैं।
मैफेटोन ने बताया कि हमलोग इन खतरनाक कारकों में हो रहे इजाफे को लेकर जागरूकता फैलाना चाहते हैं, जहां ‘ओवरफैट’ और ‘अंडरफैट’ शब्दावलियों को नये सिरे से व्याख्या की जाएगी। हम उम्मीद करते हैं कि यह शब्दावली आम प्रयोगों में शामिल होगी जिससे विश्व स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार करने में मदद मिलेगी। – भाषा
Health News in Hindi New research Close to 76 percent of world population is over fat