अगर आप रात को सोते समय टेलीविजन चलता हुआ छोड़ देते हैं या फिर लाइट जलाकर सो जाते हैं तो यह आपकी सेहत के लिए खतरा हो सकता है। एक अध्ययन में पता चला है कि रात को कृत्रिम रोशनी में सोने वाली महिलाओं में मोटापा बढ़ने का खतरा हो सकता है। यह शोध पत्रिका जेएएमए इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। इसमें रात को सोते समय कृत्रिम रोशनी और महिलाओं का वजन बढ़ने के बीच संबंध का पता लगाया गया है।
लाइट बंद करने से खतरा कम : यह शोध 44,000 हजार महिलाओं पर किया गया जो रात को टीवी चलाकर सोती थीं। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि रात में कृत्रिम रोशनी जैसे टीवी, मोबाइल फोन, स्ट्रीट लैंप और घर के पास से गुजरती कार से आने वाली रोशनी भी मोटापे को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। शोध के नतीजों से निष्कर्ष निकला कि सोते समय लाइट बंद करने से महिलाओं के मोटे होने की संभावना कम हो सकती है।
अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान ने सिस्टर स्टडी में 44,000 महिलाओं के प्रश्नावली डाटा का इस्तेमाल किया जिसमें स्तन कैंसर और अन्य बीमारियों के लिए खतरे वाली चीजों का अध्ययन किया गया। प्रश्नावली में यह पूछा गया कि क्या महिलाएं बिना किसी रोशनी, हल्की-सी रोशनी, कमरे के बाहर से आ रही रोशनी या कमरे में टेलीविजन की रोशनी में सोती हैं।
इस सूचना का इस्तेमाल कर वैज्ञानिक मोटापे और रात में कृत्रिम रोशनी में सोने वाली महिलाओं के वजन बढ़ने के बीच संबंध का अध्ययन कर पाए। इसमें पाया गया कि रात में हल्की-सी रोशनी में सोने से वजन नहीं बढ़ता जबकि जो महिला रोशनी या टेलीविजन की रोशनी में सोती हैं उनका पांच किलोग्राम वजन बढ़ने की संभावना 17 फीसदी होती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इन नॉर्थ केरोलिना के प्रोफेसर डॉ. डेल सैंडलर ने कहा, पिछले कुछ दशकों में मोटापे का खतरा बढ़ गया है। उच्च कैलोरी वाले आहार और जीवनशैली के कारण महिलाओं में तेजी से मोटापा बढ़ रहा है। हालांकि, हमारे शोध में पता चला है कि रात में कृत्रिम रोशनी के कारण भी महिलाओं के मोटापे में बढ़ोतरी हो रही है। रात में कृत्रिम रोशनी के कारण मेलाटोनिन सिग्नलिंग में समस्या आती है जिससे नींद में कमी और जैविक घड़ी में गड़बड़ी होती है।
रोशनी से बढ़ता है तनाव
शोधकर्ताओं ने कहा कि रात को सोते समय कृत्रिम रोशनी के जलने से तनाव बढ़ता है और पाचन संबंधी प्रक्रिया में भी समस्या आती है। इन सब वजहों से ही मोटापे में बढ़ोतरी हो रही है। पूर्व के शोधों में कम नींद को मोटापा बढ़ने का जिम्मेदार माना गया है, लेकिन यह पहला शोध है जो कृत्रिम रोशनी और मोटापे के बीच संबंध को स्थापित करता है।