भोपाल : मध्य प्रदेश में अब प्राकृतिक आपदा से फसल को नुकसान होने की स्थिति में अनुदान सहायता पांच हजार रुपये से कम नहीं होगी। जंगली हाथियों सहित अन्य वन्य प्राणियों द्वारा के आवास या फसलों को नुकसान पहुंचाए जाने की सूरत में भी राजस्व पुस्तक परिपत्र के माध्यम से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में राजस्व विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। साथ ही 22 फरवरी से होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में धार्मिक स्वतंत्रता सहित अन्यज विधायकों को प्रस्तुत किए जाने की अनुमति भी कैबिनेट द्वारा दी गई।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि वन्य प्राणियों द्वारा मकान को क्षति पहुंचाए जाने पर ग्रामीणों को आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रविधान राजस्व पुस्तक परिपत्र में नहीं था। इसके कारण सिंगरौली, सीधी, अनूपपुर और शहडोल में आम तौल पर मुआवजा को लेकर समस्या आती थी। इसे देखते हुए जंगली हाथियों सहित अन्य वन्यजीवों द्वारा आवासों को नुकसान पहुंचाए जाने की स्थिति में अनुदान सहायता देने का प्रविधान जोड़ने की अनुमति दी गई है।
साथ ही तय किया गया है कि अब प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान पर कम से कम पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा बैठक में आदिम जाति कल्याण विभाग का नाम बदलकर जनजातीय कार्य विभाग करने के प्रस्ताव को दी मंजूरी दी गई। लोक निर्माण विभाग के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता जीपी कटारे को नगरी प्रशासन एवं विकास संचालनालय में रिक्त प्रमुख अभियंता के पद पर संविदा नियुक्ति दिए जाने निर्णय का अनुसमर्थन किया गया। साथ ही बनी ( हरबाखेड़ी) मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 93.75 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इससे तीन हजार हेक्टेयर ज्यादा भूमि में सिंचाई हो सकेगी।
बजट सत्र में आएगा धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक : सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट ने लव जिहाद को रोकने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश के स्थान पर 22 फरवरी से होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में विधेयक लाने की अनुमति दी। साथ ही मध्य प्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी संशोधन विधेयक, निजी विश्वविद्यालय स्थापना एवं संचालन संशोधन विधेयक, पंडित एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, डॉ बी आर आंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक और भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई।