मध्यप्रदेश का नीमच, मन्दसौर और रतलाम जिला जिस्मफरोशी का हब बनता जा रहा है। पुलिस ने जैतपुरा के बांछड़ा डेरों पर दबिश देकर पांच ऐसी युवतियों को गिरफ्तार किया है, जो जिस्मफरोशी के धंधे की प्रमुख ऑपरेटर थीं।
लंबे समय से मंदसौर-नीमच फोरलेन रोड के किनारे बने घरों देह व्यापार चल रहा है।जिसकी सूचना मुखबिर के माध्यम से मिली थी। जिसके बाद पुलिसकर्मी ग्राहक बनकर सेक्स वर्कर युवतियों के अड्डे पर पहुंचे। जहां पुलिस ने युवतियों को देह व्यापार अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया।
हैरानी की बात यह है कि इन तीनों जिलों के 65 गांवों के 250 डेरो पर खुलेआम देहव्यापार के अड्डे चलते हैं, लेकिन पुलिस इक्के-दुक्के मामले पकड़ पाती है।
इस समाज में बेटी होने पर जश्न मनाया जाता है। सबसे ख़ास बात यह है कि ये वो समुदाय है, जिसमें लड़के वाले लड़की वालों को 12-12 लाख दहेज़ देते हैं। इसी वजह से इस समुदाय के अधिकांश लड़के कुंवारे रह जाते हैं।
गौरतलब है कि मालवा के इन जिलों में रहने वाले बांछड़ा समुदाय में जिस्मफरोशी को समाजिक मान्यता प्राप्त है।
इस असुरक्षित यौन सम्बन्धों के कारण इस अंचल में जमकर एड्स फैल रहा है। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो अकेले नीमच जिले में दो वर्ष में 56 मौतें एड्स के कारण दर्ज की गईं हैं।
इसमें और अधिक चौकाने वाला तथ्य यह है कि 42 गर्भवती महिलाओं और 61 बच्चों में एचआईवी सक्रमण पाया।