जम्मू- हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रियासत में बीफ की बिक्री पर लगे प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के आदेश जारी किए हैं। एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस धीरज सिंह ठाकुर और जस्टिस जनक राज कोतवाल की खंडपीठ ने डीजीपी को कहा कि इस संबंध में सभी जिलों के एसएसपी, एसपी, एसएचओ को आदेश जारी किए जाएं कि उनके क्षेत्र में बीफ की बिक्री न हो।
यदि कोई इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि डिवीजनल कमिश्नर कश्मीर ने पशुओं की तस्करी और उनकी बिक्री पर संतोषजनक जवाब नहीं दिया है। अदालत ने निर्देश दिए कि इस संबंध में डिवकाम कश्मीर उचित जवाब दें।
खंडपीठ ने जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक को भी बीफ बिक्री रोकने के संदर्भ में सभी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने अदालत में कहा कि रियासत में गोहत्या और उसके मांस की बिक्री कर आरपीसी की धारा 298-ए और बी के तहत दंडात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है।
लेकिन, इसके बावजूद रियासत के कुछ हिस्सों में यह कृत्य धड़ल्ले से जारी है। यह काम अथारिटी की मिलीभगत से हो रहा है, जिन्हें इसकी जांच करनी है। इससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है।
जम्मू कश्मीर में गौ-हत्या व इसके मांस की बिक्री पर बैन राजा हरि सिंह के समय लागू है। रियासत में 1932 में इसे लेकर कानून बनाया गया। इसका उल्लंघन करने वाले लोगों पर दस वर्ष का कारावास व पशु के दाम के पांच गुना जुर्माना का भी प्रवधान था।एजेंसी