नई दिल्ली [ TNN ] नाबालिग से शारीरिक संबंध बनाना दुष्कर्म माना जाता है, लेकिन कोई नाबालिग किसी से विवाह कर लेती है और वह विवाह बंधन को बनाए रखना चाहती है तो ऐसी लड़की से उसके पति द्वारा बनाए गए शारीरिक संबंधों को दुष्कर्म नहीं माना जाएगा। यह टिप्पणी दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग व न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की खंडपीठ ने 15 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म के मामले में की है।
खंडपीठ ने आरोपी को राहत प्रदान करते हुए निचली अदालत से बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर दिल्ली पुलिस की याचिका खारिज कर दी। खंडपीठ ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुमित वर्मा द्वारा दी गई उस दलील को भी सही ठहराया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के अनुभाग 2 के तहत यह स्पष्ट किया गया है कि 15 साल से अधिक उम्र की पत्नी से शारीरिक संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं माना जा सकता।
जिस समय यह घटना हुई थी उस समय लड़की की उम्र 15 साल चार महीने थी। ऐसे में आरोपी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। मामला मामले के मुताबिक, एक महिला ने वसंत कुंज थाने में पांच मार्च, 2013 को नाबालिग बेटी के अपहरण का मामला दर्ज कराया था। उसका कहना था कि उसकी बेटी घर से 26 फरवरी को सामान लेने के लिए बाजार गई थी, लेकिन घर वापिस नहीं लौटी।
जिसके बाद पुलिस ने इस मामलें में छह मार्च को लड़की को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से बरामद कर आरोपी सुमन दास को गिरफ्तार किया था। पूछताश के दौरान लड़की ने बताया कि उसने सुमन दास के साथ विवाह कर लिया है और सहमति से शारीरिक संबंध बनाए। -एजेंसी
High court of delhi judgment