वाशिंगटन- अमेरिका ने अपना नया राष्ट्रपति रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को चुना है। इसी बीच चुनाव में उनके खिलाफ लड़ी डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हार का मुंह देखना पड़ा। खबरों के मुताबिक हिलेरी ने अपनी इस हार को भारी मन से स्वीकार कर लिया है लेकिन उन्होंने अपनी हार का ठीकरा एफबीआई के सिर पर दे मारा है। हिलेरी ने अपनी हार के लिए एफबीआई प्रमुख जेम्स कूमी को जिम्मेदार ठहराया है।
हिलेरी क्लिंटन ने आरोप लगाया कि उनके ई-मेल विवाद के मामले में एफबीआई ने दोबारा जांच शुरु करने की बात कह कर उनकी जीत को हार में बदल दिया। एफबीआई प्रमुख जेम्स कूमी ने 28 अक्टूबर को अमेरिकी कांग्रेस को एक पत्र लिख कर यह जानकारी दी थी कि इस प्रकरण में नई जानकारी सामने आगे के बाद मामले की दोबारा जांच करेगी। इसके बाद एफबीआई प्रमुख ने 6 नवंबर को लिखे दूसरा पत्र लिखा।
इसमें उन्होंने जानकारी दी कि नई जांच में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है जिससे यह स्थापित हो सके कि हिरेली क्लिंटन ने कोई गलत काम किया है और इसीलिए वह अपने जुलाई 2016 में दी गई अपनी सिफारिशों में कोई बदलाव नहीं करने की बात करती है। एफबीआई ने जुलाई 2016 में हिलेरी क्लिंटन को इस मामले में प्रॉसिक्यूट नहीं करने की सिफारिश की थी। बीते शनिवार को हुई कॉन्फ्रेंस में हिलेरी ने अपनी पार्टी के फंड रेजर्स और डोनर्स को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।
क्या है हिलेरी क्लिंटन का ईमेल विवाद
मार्च 2015 में यह बात सामने आई कि हिलेरी क्लिंटन ने 2009 से 2013 में, सेकेट्री ऑफ स्टेट के पद पर रहते हुए संवेदशील जानकारियां साझा करने के लिए अपने प्राइवेट मेल का इस्तेमाल किया था। इस पर एफबीआई ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी थी कि हिलेरी ने संवेदनशील जानकारियां संभालने में लापरवाही की है लेकिन उन पर इस मामले में आपराधिक जांच के तहत आरोप नहीं लग सकते। [एजेंसी]