पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में फैली साम्प्रदायिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। बशीरहाट के ग्रामीण इलाकों से फैली हिंसा अब शहर तक पहुंच चुकी है। साथ ही इस पर राजनीति भी होने लगी है। प्रशासन ने हालात को देखते हुए बशीरहाट में नेताओं के प्रवेश पर बैन लगा दिया है।
इस घटना पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्विटर पर लिखा है, “तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी को मूक-दर्शक बन देख रहे… ये पुलिस हैं या TMC के कार्यकर्ता???” विजयवर्गीय के इस ट्वीट पर भाजपा सांसद रूपा गांगुली ने लिखा है, “जी, ये सब दर्शक हैं… हैव बोर्डेड… बशीरहाट के लिए रवाना हो रहे हैं…”
रूपा गांगुली के ट्वीट पर एक यूजर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, “बंगाल के हिन्दुओं का खून पानी हो गया है क्या ?? बंगालियों शास्त्र उठाओ नहीं तो कश्मीरी हिन्दू की तरह हो जाओगे।” हालांकि, रूपा गांगुली ने इस यूजर की प्रतिक्रिया पर कोई भी कमेंट नहीं दिया है।
बता दें कि सोमवार (तीन जुलाई) को बशीरहाट में तब हिंसा भड़क उठी थी जब कथित तौर पर एक नाबालिग लड़के ने फेसबुक पर एक आपत्तिजनक पोस्ट डाल दिया था। हालांकि पुलिस हिरासत में ले लिए गए किशोर ने विवादित पोस्ट डालने से इनकार किया है। उसका कहना है कि उसका फोन चोरी हो गया था। बंगाल हिंसा में अब तक एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।
विवादित फेसबुक पोस्ट से आक्रोशित भीड़ ने मंगलवार को बदुरिया, बशीरहाट, हरोआ, स्वरूपनगर और देगंगा में हिंसा की। प्रशासन ने इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है। केंद्र ने शांति बहाली के लिए अर्ध-सैनिक बलों की टुकड़ियां तैनात की हैं।
वहीं सांप्रदायिक हिंसा के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के बीच विवाद बढ़ गया है। ममता ने राज्यपाल पर अपमानित करने का आरोप लगाया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को सीएम ममता और राज्यपाल त्रिपाठी से फोन करके मामले को आपसे में शांतिपूर्वक निपटाने का आग्रह किया लेकिन ममता बनर्जी की पार्टी ने राजनाथ के आग्रह का मान नहीं रखा और कुछ ही देर बाद राज्यपाल त्रिपाठी पर राजभवन को “बीजेपी दफ्तर” में तब्दील करने का आरोप लगा दिया।