इंदौर: मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में पांच दिवसीय दीपोत्सव की धार्मिक परंपरा से जुड़ा हिंगोट युद्ध मनाया जाता है। इस युद्ध में भाग लेने वाले प्रतिभागी एक-दूसरे पर बम-गोले फेंकते हैं। कई बार इस कार्यक्रम में लोग घायल हो जाते। वहीं, कई दफा लोगों की मौत तक हो जाती है।
हिंगोट युद्ध दीपावली के अगले दिन यानी विक्रम संवत की कार्तिक शुक्ल प्रथमा को मनाया जाता है। इंदौर के गौतमपुरा कस्बे के योद्धाओं के दल को ‘तुर्रा’ कहा जाता है, वहीं रुणजी गांव के लड़ाके ‘कलंगी’ नाम दिया जाता है।
#WATCH Madhya Pradesh: People participate in Hingot war, where two groups hurl burning ‘hingots’ at each other, a day after Diwali as part of tradition at Gautampura in Depalpur tehsil, Indore. (28.10) pic.twitter.com/p07nYKpYf6
— ANI (@ANI) October 29, 2019
वहीं, सोमवार रात को मनाए गए इस धार्मिक परंपरा में लगभग 40 लोग मामूली तौर पर घायल हो गए। आयोजकों में शामिल एक व्यक्ति ने बताया कि इंदौर से करीब 55 किलोमीटर दूर गौतमपुरा कस्बे में हिंगोट युद्ध के दौरान करीब 40 लोग मामूली रूप से घायल हुए। इनमें से ज्यादातर ‘योद्धा’ घायल होने के बाद घर लौट गए।
एसडीओपी ने बताया कि घायलों में शामिल 19 लोग मौके पर लगाए गए चिकित्सा शिविर में पहुंचे, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर जाने की इजाजत दे दी गई। अधिकारी ने बताया कि हिंगोट युद्ध के मद्देनजर पुलिस ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर जरूरी इंतजाम किए थे।
बता दें कि हिंगोट आंवले के आकार वाला एक जंगली फल है। गूदा निकालकर इस फल को खोखला कर लिया जाता है। फिर हिंगोट को सुखाकर इसमें खास तरीके से बारूद भरा जाता है। नतीजतन आग लगाते ही यह रॉकेट जैसे पटाखे की तरह बेहद तेज गति से छूटता है और लम्बी दूरी तय करता है।
गौतमपुरा कस्बे में दीपावली के अगले दिन यानी विक्रम संवत की कार्तिक शुक्ल प्रथमा को हिंगोट युद्ध की धार्मिक परंपरा निभाई जाती है। गौतमपुरा के योद्धाओं के दल को ‘तुर्रा’ नाम दिया जाता है, जबकि रुणजी गांव के लड़ाके ‘कलंगी’ दल की अगुवाई करते हैं। दोनों दलों के योद्धा रिवायती जंग के दौरान एक-दूसरे पर हिंगोट दागते हैं।
हिंगोट युद्ध में हर साल कई लोग घायल होते हैं और इस पारंपरिक आयोजन में कुछ घायलों की मौत भी हो चुकी है। माना जाता है कि प्रशासन हिंगोट युद्ध पर इसलिये पाबंदी नहीं लगा पा रहा है, क्योंकि इससे क्षेत्रीय लोगों की धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हैं।