सिवनी [ TNN ] जिले को हॉकी की नर्सरी कहा जाता है। सिवनी में न जाने हॉकी की कितनी हस्तियां हुई हैं जिन्होंने देश-प्रदेश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिवनी के नाम को रौशन किया है। उन्होंने सिवनी के नाम पर चार चांद ही लगाए हैं। एक समय था जब सिवनी में हॉकी का अभ्यास देखने से लगता था मानो यह कोई राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा हो रही हो, कालांतर में सुविधाओं के अभाव में हॉकी की नर्सरी शनैः शनैः उजाड़ हो गई।
याद पड़ता है कि सिवनी में जब बाबा राघवदास हॉकी टूर्नामेंट होता था तो बड़े पुलिस मैदान पर पैर रखने की जगह नहीं बचती थी। अंतर्राष्ट्रीय स्तर की हॉकी टीम सिवनी आकर प्रतियोगिता में भाग लेने में गौरव का अनुभव करती थीं। आज पुराने खिलाड़ी उन दिनों को याद कर रोमांचित हो उठते हैं।
चार-पांच सालों से इस नर्सरी को एक बार फिर आबाद करने के प्रयास आरंभ हुए। सिवनी का यह सौभाग्य रहा कि यहां एॅस्ट्रोटर्फ का मैदान बनाया गया। यह मैदान बमुश्किल पूर्णता को पा सका। उक्त मैदान आरंभ से ही विवादों के साए में आ गया। यहां सरकारी नुमाईंदों का एकाधिकार जताये जाने की बातें सामने आने लगीं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों से इस स्टेडियम के उद्घाटन की बातों के चलते इसे एक लंबे समय तक आरंभ नहीं करवाया जा सका। बमुश्किल बीते वर्ष इसको जनता को समर्पित किया गया। इसके बाद से अब तक इस स्टेडियम में हॉकी के खिलाड़ी अभ्यास के लिए तरस गए। हाल ही में बिजली का बिल अदा न कर पाने के कारण यहां की बिजली काट दी गई। बिना बिजली के यहां पानी का छिड़काव नहीं होने से यह मैदान शोभा की सुपारी बनकर रह गया था। अब इसकी बिजली जोड़ दी गई है।
इस स्टेडियम का निर्माण तो पूरा कर लिया गया है पर यहां सुअरों और आवारा पशुओं का डेरा साफ दिखाई दे जाता है। यह स्थान शहर के मुख्य बस स्टैंड के पास है, इस लिहाज से यह उपर्युक्त स्थान माना जा सकता है पर यहां स्थानीय खिलाड़ियों को खेलने से वंचित रखा जा रहा है, जो उचित नहीं माना जा सकता है। हालात देखकर लोगों का कहना है कि यह तो वही मिसाल हुई कि बरगद के नीचे छांव का टोटा।
जिले में पुलिस अधीक्षक के अधीन कार्यरत खेल एवं युवक कल्याण अधिकारी इस समय निलंबित हैं। यहां अब इस स्टेडियम का खैरख्वाह कौन है, यह बात किसी को पता नहीं है। जिला हॉकी संघ को भी खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा बौना बना दिया गया है। चाहकर भी डीएचए के द्वारा खिलाड़ियों के पक्ष में कोई काम नहीं किया जा पा रहा है। संवेदनशील जिला कलेक्टर भरत यादव से जनापेक्षा है कि हॉकी की नर्सरी को एक बार फिर हरा-भरा किया जा सके इस दिशा में प्रयास किए जाएं।
:- शरद खरे