सिरदर्द से हर व्यक्ति छुटकारा पाना चाहता है, खासकर इसीलिए भी क्योंकि यह रोजमर्रा की गतिविधियों में खासा बाधक बन जाता है। अब सिरदर्द दूर करने के लिए लोग नाना प्रकार के नुस्खे अपनाते हैं। इनमें से कुछेक को हम यहाँ दर्ज कर रहे हैं। देखिए आपको इनमें से कौन सा नुस्ख फायदा पहुँचाता है? सूखे अदरक पाउडर को पानी में मिलाकर लेप तैयार कर लीजिए और उसे अपने माथे पर लगा लें। इससे थोड़ी सी जलन होगी, लेकिन दर्द से आराम मिल जाएगा। कुछ लोग लेप को कानों के पीछे भी लगाते हैं।
साफ और मुलायम कपड़ा ले लें और उसे सफेद सिरके में डुबो लें। इस कपड़े को सिर पर लपेट लें और आराम करें जितनी बार जरुरत हो दोहराएं। बार-बार सिर में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए डॉक्टरों का सुझाव है कि बर्फ का प्रयोग करें। एक पतले प्लास्टिक बैग में बर्फ भर लें और उसे अपने माथे पर सिर पर रखें। दक्षिण भारत में सिरदर्द दूर करने के लिए प्याज को कूटकर लेप बना लिया जाता है और फिर उसे माथे पर लगा लिया जाता है।
अजवाइन के बीजों को रोस्ट करके सुखा लें और उन्हें एक मलमल के कपड़े में बांधकर छोटी सी पोटली बना लें। इसे बार-बार सूंघते रहें, जब तक सिरदर्द दूर न हो जाए। खाली पेट पर रोजाना सुबह एक सेब खाने की आदत डाल लें। ऐसा करने से सिरदर्द की समस्या नहीं रहेगी। पिपरमैंट तेल सूंघने या पेपरमेंटयुक्त चाय पीने से भी सिरदर्द दूर हो जाता है। धूप में काम करने से जो सिरदर्द होता है, वह मेहंदी के पूहृलों से दूर हो जाता है।
मेंहंदी के पूहृलों को सिरके में पीस लें और उसके लेप को माथे पर लगाएं। ताजे चंदन के लेप में अगर तुलसी के पत्ते पीसकर मिला जाएं और इसे माथे पर लगाया जाए, तो सिरदर्द दूर हो जाता है। 10-15 तुलसी के पत्ते, लहसुन की 4 फांक और एक चम्मच सूखे हुए अदरक के पाउडर को मिलाकर पीस लें। इससे जो लैप तैयार होगा, उसे माथे पर लगा लें। 2 लौंग, 2 सेटीमीटर लंबी दालचीनी और एक बादाम लें। इसका लेप बना लें और माथे पर लगाएं। आधा चम्मच लौंग के पाउडर को एक चम्मच दालचीनी के तेल में मिलाकर उसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। सिर की मालिश आयुर्वेद का प्राचीन फार्मूला है।
किसी अनुभवी व्यक्ति से सिर की मालिश कराएं। मालिश बादाम या सरसों के तेल से या घीस से कराएं। ध्यान लगाने से तुरंत राहत तो नहीं मिलेगी, लेकिन रोजाना ध्यान लगाने से मन रिलैक्स होगा। जिससे सिरदर्द की तीव्रता कम हो जाएगी। यह साधारण तरीका है, लेकिन इस पर महारत हासिल करना कठिन है, क्योंकि इंद्रियों को पूरी तरह से नियंत्रित करने का सवाल है। इसमें दिमाग पर इतना काबू करना होता है कि बेकार के विचारों को आने न दिया जाए और अंदरुनी शांति व खामोशी पर फोकस किया जाए। ऐसा करना मुश्किल होता है, लेकिन नामुमकिन नहीं।
एरोथेरेपी विशेषज्ञों का कहना है कि अलग-अलग किस्म के सिरदर्दों के लिए अलग-अलग किस्म से होने वाला सिरदर्द गुलाब तेल से दुरुस्त हो जाता है। बिना किसी विशेष कारण के जो दर्द होता है, उसमें लेवेंडर तेल काम करता है। इन तेलों को लगाया नहीं सूंघा जाता है। सेक्सुअल गतिविधि से एंडोरपिंहृस जारी होते हैं जोेकि प्राकृतिक दर्द निवारक होते हैं, इसीलिए बहुत कम लोग सेक्स के जरिए भी सिरदर्द दूर करते हैं। अगर इन नुस्खों के बावजूद भी सिरदर्द दूर न हो तो डॉक्टर से संपर्क करें, शर्माएं नहीं। आखिर यह आपकी सेहत का मामला है।