housing loan scheme in india – अपना घर हर व्यक्ति का सपना होता है। यह वित्तीय सुरक्षा, आयकर में राहत, इमरजेंसी में सपोर्ट सिस्टम और अपनी पसंद के हिसाब से रहने की सुविधा देता है। अगर आपके पास घर खरीदने के लिए रकम नहीं है तो बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFC) आपको लंबी अवधि का कर्ज देती हैं। मासिक किस्त के रूप में एक निश्चित रकम बैंक या NBFC को चुकाते हुए आप 10, 20 या 30 साल की अवधि में कर्ज की मूल रकम और ब्याज को लौटा देते हैं। इसे ही होम लोन कहा जाता है। अगर होम लोन लेने जा रहे है तो, एक बार इसे जरूर पढ़ ले
होम लोन : घर बनाने के लिए लिया जाने वाला लोन, होम लोन कहलाता है, जोकि काफी रियायती दरों पर उपलब्ध होता है, क्योंकि गवर्नमेंट द्वारा सब्सिडी मिलने के कारण बैंक और फाइनेंस कंपनियां कम रेट ऑफ़ इंटरेस्ट पर उपलब्ध कराती हैं। यह सुरक्षित लोन माना जाता है क्योंकि इस लोन के लिए ग्राहक को अपने घर के पेपर (जमीन की रजिस्टरी) बैंक में गिरवी रखने होते हैं।
होम लोन लेने की पात्रता है
किसी व्यक्ति को उसकी प्रति माह की कुल आय का 60 गुना लोन मिल सकता है।
अगर आपने कोई दूसरा लोन (कार या पर्सनल लोन आदि) लिया है, जो चालू है तो लोन देने वाला बैंक उसकी मासिक किस्त आपकी आमदनी से घटाने के बाद होम लोन की रकम पर विचार करेगा।
अगर आप होम लोन लेना चाहते हैं और आपका क्रेडिट स्कोर सही नहीं है या आपके पिछले किसी लोन/उधार के भुगतान में चूक हुई है तो बैंक लोन देने से मना कर सकता है।
आप लंबी अवधि के लिए लोन लेकर अपनी पात्रता ठीक कर सकते हैं।
अगर आप सैलरीड इम्पलॉई हैं या आप निजी व्यवसाय करने वाले व्यक्ति हैं तो दोनों के लिए लोन की पात्रता अलग-अलग होती है।
आमतौर पर बैंक आपकी कुल मासिक आय के 40 फीसदी रकम को व्यक्तिगत खर्च के लिए जरूरी मानते हैं। इसके बाद बची रकम के हिसाब से होम लोन दिया जाता है। मसलन अगर आपकी मासिक आमदनी 60,000 रुपये है तो बैंक यह मानता है कि आपका पर्सनल खर्च 25,000 रुपये महीना होगा। अगर आपने कार या पर्सनल लोन जैसा कोई और लोन नहीं लिया है तो आप 20 साल के लिए 9 फीसदी सालाना ब्याज दर पर होम लोन के रूप में 35-40 लाख रुपये तक पा सकते हैं।
होम लोन 5 बड़ी बातें
होम लोन क्यों लेना चाहिए?
होम लोन लेने से वास्तव में आपको तीन सुविधा होती है।
निवेश के लिहाज से संपत्ति खरीदना।
इनकम टैक्स में बचत।
रहने में सुविधा।
अगर आप होम लोन लेकर अपना घर घर खरीदते हैं तो समय के साथ आपके घर की कीमत में इजाफा होता रहता है। यह वास्तव में निवेश का एक प्रकार भी है। संपत्ति की कीमत बढ़ने की रफ्तार हालांकि उस इलाके की कनेक्टिविटी, मांग-आपूर्ति की स्थिति और रहने वाले लोगों की आमदनी के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है।
होम लोन की मासिक किस्त के रूप में चुकाई जाने वाली रकम में मूलधन और ब्याज दोनों ही होता है। अगर आप मूलधन के हिसाब से सोचें तो इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80सी के तहत आप साल भर में 1.5 लाख रुपये के भुगतान पर आयकर में राहत पा सकते हैं। इसके साथ ही आपने होम लोन की किस्त में ब्याज के रूप में जो रकम चुकाई है उसके लिए साल में दो लाख रुपये तक की रकम पर अलग से इनकम टैक्स में छूट मिलती है। अगर आप अपने घर में रहते हैं तो नौकरी या कारोबार, किसी भी लिहाज से आप होम शिफ्टिंग के झंझट से मुक्त रहकर अपने काम पर पूरा ध्यान दे सकते हैं।