लखनऊ- बसपा सुप्रीमों मायावती पर अभद्र टिप्पणी को लेकर उठे बवाल में बसपा कार्यकर्ताओं और मायावती समर्थकों द्वारा पूर्व बीजेपी नेता दयाशंकर के खिलाफ सार्वजनिक विरोध-प्रदर्शन हुआ था। जिसमे दयाशंकर उनकी पत्नी को लेकर नारे बाजी भी हुई थी।
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बता दें कि इस दौरान बसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा दयाशंकर के डीएनए में खराबी होने, उन्हें नाजायज औलाद बताने, कुत्ता कहे जाने और “दयाशंकर अपनी बेटी को पेश करो, अपनी बहन पेश करो और अपनी पत्नी पेश करो” भाजपा नेता दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह के अपमान में नारे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति में लगाए जाने को यूपी में कानून व्यवस्था की पूर्ण अनुपस्थिति के साथ-साथ दयाशंकर और दयाशंकर की बहन,पत्नी और बेटी के मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन करने का गैरकानूनी कृत्य बताते हुए मामले की जांच कर दोषियों को दण्डित कराते हुए दयाशंकर के परिवार को मुआवजा दिलाने के लिए लखनऊ की समाजसेविका उर्वशी शर्मा द्वारा दी गयी अर्जी पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रकरण संख्या 28284/24/48/2016-WC दर्ज कर जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है और यह जानकारी एक ई-मेल के माध्यम से उर्वशी को दी है।
उर्वशी ने बताया कि उन्होंने अपने पत्र के साथ धरने के कार्यक्रम की वीडियो क्लिप्स भी आयोग को भेजीं थीं।
गौरतलब है कि उर्वशी ने बीते दिनों सूबे के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद और एडीजी कानून व्यवस्था दलजीत चौधरी को पत्र लिखकर महिला के विरुद्ध अपराधों के आरोपी बीएसपी नेताओं नसीमुद्दीन सिद्दीकी आदि के खिलाफ पॉस्को एक्ट लगाकर गिरफ्तारी की कार्यवाही तत्काल आरम्भ कराने और लखनऊ पुलिस द्वारा दया शंकर सिंह और बीएसपी नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी आदि की गिरफ्तारी के मामले में दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए बीएसपी नेताओं के खिलाफ लिखी एफआईआर की जांच कर रहे पुलिसकर्मिकों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर विधिक कार्यवाही कराने की मांग भी की है।
रिपोर्ट- @शाश्वत तिवारी