16.1 C
Indore
Monday, December 23, 2024

दिन-प्रतिदिन बढ़ती धार्मिक कट्टरपंथी सोच

Humanity's throat religious fanaticismइस्लाम धर्म से संबंध रखने वाले तथा स्वयं को सच्चा मुसलमान बताने वाले लोगों द्वारा इस समय दुनिया के कई देशों में हत्या,ज़ुल्म व बर्बरता का नंगा नाच किया जा रहा है। सीरिया व इराक में आईएसआईएस के आतंकियों द्वारा मर्दों,औरतों तथा बच्चों के साथ ऐसे बर्बरतापूर्ण सुलूक किए जा रहे हैं जिन्हें सुनकर इंसान की रूह कांप उठे। इसी प्रकार कई अफ्रीक़ी देशों में बोकोहराम व अलशबाब जैसे आतंकी संगठन आतंक का घिनौना अध्याय लिख रहे हैं। अफगनिस्तान व पाकिस्तान में भी स्वयं को न सिर्फ मुसलमान बल्कि इस्लाम का ठेकेदार बताने वाले लोगों द्वारा विभिन्न आतंकी संगठनों के माध्यम से आतंक का बाज़ार गर्म किया जा रहा है।

गोया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हर जगह इस्लाम से संबंध रखने वाले मानवता के यह दुश्मन हत्या कत्लोगारत के बल पर अपनी बातों को मनवाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। ज़ाहिर है इनकी इन घिनौनी कारगुज़ारियों के पीछे एक ही सोच काम कर रही है और वह है धार्मिक रूढ़ीवादी कट्टरपंथी सोच। दूसरे शब्दों में इनके विचारों में केवल यह लोग,इनका धर्म,इनका जेहाद,इनका आंदोलन तथा अपने संप्रदाय के विस्तार की इनकी सोच ही सही है और जो भी व्यक्ति,वर्ग अथवा देश,संप्रदाय या शासन व्यवस्था इनके विचारों की विरोधी है यह उनकी जान के खुले दुश्मन हैं। सवाल यह है कि क्या दुनिया में इस समय छठी शताब्दी जैसे आक्रमणकारी वातावरण की पुनरावृति संभव है? प्रगतिशील संसार तथा वैश्वीकरण के इस दौर में क्या एैसी वहशियाना व अमानवीय सोच की कोई गुंजाईश है? और आखिर धार्मिक कट्टरपंथी सोच रखने वालों की यह ताकत दिन-प्रतिदिन क्यों बढ़ती जा रही है? क्या सच्चा इस्लाम यही है? या फिर ऐसी शक्तियां जो सशस्त्र जेहाद की बात कर रही हैं वे ही इस्लाम की सबसे बड़ी दुश्मन ताकतें हैं।

अभी कुछ दिन पूर्व बोकोहराम के आतंकियों द्वारा पूर्वाेत्तर नाईजीरिया के बागा नामक क्षेत्र में एक पूरे के पूरे ईसाई कस्बे को आग के हवाले कर देने जैसी दर्दनाक घटना सुनाई दी। इसमें दो हज़ार से अधिक लोग मारे गए। पेशावर में तहरीक-ए-तालिबान द्वारा लगभग 150 स्कूली बच्चों को $कत्ल कर दिया गया। ज़ाहिर है ऐसे हादसों के बारे में दुनिया का कोई भी इंसानियत पसंद व्यक्ति सुनता है तो उसे निश्चित रूप से एक बार यह सोचने के लिए मजबूर होना पड़ता है कि आखिर ऐसा आतंक फैलाने की शिक्षा इन लोगों को कहां से मिलती है? कहीं इस्लामी शिक्षा ही तो इसके लिए जि़म्मेदार नहीं? पिछले दिनों फ्रांस में शार्ली हेबदो नामक एक कार्टून पत्रिका के दफ्तर पर मुस्लिम आतंकियों द्वारा हमला कर 12 लोगों को मार दिया गया। इनमें 8 पत्रकार तथा कार्टूनिस्ट भी शामिल थे। इस हमले के बाद दुनिया के लगभग 50 देशों के राष्ट्राध्यक्ष अथवा उनके प्रतिनिधि फ्रांस में एक बड़े शांति मार्च में शामिल हुए। गोया इतने देशों की ओर से एक साथ मिलकर इस घटना की निंदा की गई।

शार्ली हेबदो पत्रिका पर यह आरोप था कि उसने पैगबंर हज़रत मोहम्मद के आपत्तिजनक कार्टून प्रकाशित किए। इसके पूर्व डेनमार्क में भी एक समाचार पत्र द्वारा हज़रत मोहम्मद तथा इस्लाम संबंधी और कई कार्टून प्रकाशित किए गए थे। ज़ाहिर है यदि किसी व्यक्ति,धर्म अथवा समुदाय को किसी की कोई अभिव्यक्ति बुरी लगती है तो उसके विरुद्ध उसे अपनी आपत्ति दर्ज कराने का पूरा अधिकार है। वह शांतिपूर्ण तरीके से विरोध की आवाज़ बुलंद करते हुए सडक़ों पर शांति मार्च भी निकाल सकते हैं। अदालत का दरवाज़ा भी खटखटाया जा सकता है। यहां तक कि दूसरे पक्ष को अपने पक्ष द्वारा साक्ष्यों सहित समझा-बुझा कर उसे माफी मांगने के लिए भी आमादा किया जा सकता है।परंतु असहमति के आधार पर अथवा किसी की अभिव्यक्ति का विरोध करते हुए किसी की हत्या किया जाना न तो कोई धर्म सिखाता है न ही किसी देश का कानून। और न ही किसी धर्म व समाज की शिक्षा ऐसे अमानवीय कामों को करने की इजाज़त देती है।

क्या हज़रत मोहम्मद के जीवनकाल में या उनके परिवार के सदस्यों के दौर में ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनमे ईश निंदा के लिए अथवा अभिव्यक्ति का गला घोंटने को लेकर दूसरे पक्ष की हत्याएं की गई हों? इस्लाम से जुड़े कत्लोगारत का इतिहास इस्लाम के उदय के समय से ही केवल सत्ता,शासन,हुकूमत अथवा बादशाहत से ही जुड़ा रहा है। हालांकि इस्लामी शरिया में किसी कातिल को कत्ल किए जाने की सज़ा का प्रावधान ज़रूर है। परंतु इसके बावजूद उसे माफ किए जाने को ही पहली प्राथमिकता दी गई है। गोया सज़ा से बढक़र माफी को स्थान दिया गया है। स्वयं मोहम्मद साहब के जीवन में उनपर तरह-तरह के ज़ुल्म ढाए जाते थे। व्यक्तिगत् रूप से उन्हें सताने व अपमानित करने की तमाम कोशिशें की जाती थीं। परंतु वे प्रत्येक व्यक्ति को मा$फ करने पर विश्वास रखते थे उसे कत्ल करने या करवाने पर नहीं। फिर आज स्वयं को हज़रत मोहम्मद की उम्मत बताने वालों को आ$िखर यह अधिकार किसने दे दिया कि वे कार्टून अथवा लेख आदि के माध्यम से अथवा अभिव्यक्ति के अपने दूसरे माध्यमों के द्वारा हज़रत मोहम्मद की आलोचना करने वालों की या उनका अपमान करने वालों की हत्या कर डालें?

ऐसी ही सोच का परिणाम था जिसके चलते 1988 में भारतीय मूल के ब्रिटिश उपन्यासकार सलमान रुश्दी के विरुद्ध उनके विवादित उपन्यास सेटेनिक वर्सेस के लिए मौत का फतवा ईरानी धार्मिक नेताओं द्वारा जारी कर दिया गया था। हालांकि इस विवादित फतवे को अब वापस भी लिया जा चुका है। इसी प्रकार 1994 में बंगला देश की लेखिका तसलीमा नसरीन जोकि प्रगतिशील नारीवाद पर अपने लेखन के विषय में जानी जाती हैं उनके लज्जा नामक एक उपन्यास के विरुद्ध बंगलादेशी कट्टरपंथियों द्वारा फतवा जारी कर दिया गया था। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की चार जनवरी 2011 को उनके अपने अंगरक्षक मलिक मुमताज़ कादरी ने इस्लामाबाद में गोलियों से छलनी कर दिया था। उनका कुसूर केवल यह था कि वे पाकिस्तान में उस ईश निंदा $कानून की पुन:समीक्षा की वकालत कर रहे थे जिसके तहत पाकिस्तान में बेगुनाह लोगों को भी सज़ा भुगतनी पड़ती है।

भारत में भी इस प्रकार की कट्टरपंथी सोच कभी-कभी अपना सिर उठाती दिखाई देती है। उदाहरण के तौर पर विश्वविख्यात भारतीय चित्रकार पदमश्री मकबूल फिदा हुसैन को 2006 में भारत छोडक़र लंदन में पनाह लेनी पड़ी थी। उनपर कथित रूप से हिंदू देवी-देवताओं की अश्लील पेंटिग्स बनाए जाने का आरोप था। 2010 में उन्होंने कतर की नागरिकता भी स्वीकार कर ली थी। उपरोक्त घटनाओं में दो बातें साफतौर पर दिखाई देती हैं। एक तो यह कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर विभिन्न माध्यमों से प्रकट किए जाने वाले कई लोगों के विचार कट्टरपंथी सोच रखने वाले लोगों के गले नहीं उतर पाते। और ऐसा कट्टरपंथी वर्ग अपने धर्म,अपने पीर-पैगंबरों,अपने आराध्य,अपने धर्मग्रंथ आदि के विरुद्ध कुछ भी सुनना नहीं चाहता। निश्चित रूप से दूसरे पक्ष का भी यह कर्तव्य है कि वह सभी की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करे।

धार्मिक विश्वासों व मान्यताओं को कोई माने या न माने परंतु उन्हें तर्क अथवा आलोचना की कसौटी पर कतई नहीं रखा जाना चाहिए। हालांकि यह बात बिल्कुल सच है कि आज किसी भी धर्म के जो भी लोग अपने धर्म का ठेकेदार अथवा पक्षधर बनकर धर्म व विश्वास के नाम पर आतंक फैलाते फिरते हैं उन्हें अपने ही धर्म का व उनकी वास्तविक शिक्षाओं का पूरा ज्ञान नहीं होता। अन्यथा किसी भी धर्म की पहली शिक्षा मानवता,सद्भाव,भाईचारा,क्षमा तथा प्रेम-विश्वास आदि ही हैं। इसके बावजूद लेखकों,चित्रकारों,पत्रकारों,उपन्यासकारों या कार्टूनिस्टों को इस बात का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए कि वे ऐसे अर्ध धार्मिक लोगों को या समाज में धर्म के नाम पर नफरत फैलाने की ताक में बैठे लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में अथवा आलोचना के माध्यम से इस बात का मौ$का ही न दें कि उन्हें धर्म के नाम पर आतंक फैलाने में अथवा अपने समाज को वर$गलाने में सहायता मिले।
:- तनवीर जाफरी

tanvirतनवीर जाफरी
1618, महावीर नगर,
मो: 098962-19228
अम्बाला शहर। हरियाणा

 

Related Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...