नई दिल्ली – पाकिस्तान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह में हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी और उदारवादी धड़ों ने कश्मीर समस्या के हल के लिए राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाने की मांग की और मोदी सरकार के कठोर रवैये की निंदा की। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर भी मौजूद थे। जावडेकर कार्यक्रम में करीब 20 मिनट रहे और कार्यक्रम से इतर पाकिस्तान के लोगों को अपनी ओर से शुभकामनाएं दीं।
हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धडे के प्रमुख मीरवाइज उमर फारुक ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार कश्मीर को लेकर वाजपेयी की नीति का पालन करेगी, लेकिन मोदी सरकार ने अपना रुख कड़ा कर लिया। उन्होंने कहा कि तीनों पक्षों हुर्रियत, कश्मीरियों और पाकिस्तान को शामिल किए बिना अशांत सीमाई राज्य की समस्याओं के हल में सफलता नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या कोई आर्थिक या विधि व्यवस्था की समस्या नहीं है, यह एक राजनीतिक मुद्दा है। जब तक राजनीतिक दृष्टिकोण नहीं अपनाया जाता, कोई प्रगति नहीं होगी।
इससे पहले एक पत्रकार वार्ता में पाकिस्तान के उच्चायुक्त बासित खान ने भारत के साथ स्थायी शांति के लिए कश्मीर मुद्दे के समाधान को जरूरी बताते हुए कहा कि उनका देश हमेशा से ही भारत के साथ परस्पर सम्मान और हितों पर आधारित बेहतर रिश्तों का पक्षधर है।
उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर विवाद सहित सभी समस्याओं का हल जरूरी है ताकि हमारे संबंध शांति और समृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ते चलें। जलवायु परिवर्तन और गरीबी जैसी साझा चुनौतियों को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोगात्मक संबंध जरूरी हैं। पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर हुए आतंकी हमले की जांच के लिए पाकिस्तानी दल की प्रस्तावित भारत यात्रा को ‘सकारात्मक कदम’ बताते हुए बासित ने उम्मीद जताई कि यह दौरा सार्थक रहेगा।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस में हुर्रियत नेताओं को आमंत्रित करने के बारे में पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा कि कई वर्षों से ऐसा होता आया है और यह कोई मुद्दा नहीं है। दोनों देशों के विदेश सचिवों की वार्ता के बारे में उन्होंने कहा कि अभी इसकी तारीखें तय नहीं हुई हैं, लेकिन यह बातचीत जरूर होगी। यह पूछने पर कि क्या प्रधानमंत्री नवाज शरीफ परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने वॉशिंगटन जाएंगे, बासित ने कहा कि वह सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में उनके देश की भूमिका अहम है क्योंकि वह एक परमाणु ताकत है।
उन्होंने कहा कि परमाणु सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बिना किसी भेदभाव के मिलकर काम करना चाहिए। बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में मंगलवार को हुए आतंकी हमलों की निंदा करते हुए बासित ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी हाल में सही नहीं ठहराया जा सकता। इन हमलों में 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे, जबकि 250 से अधिक घायल हुए हैं।