उत्तर प्रदेश में फतेहपुर जिले की बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के जिगनी गांव में एक मुस्लिम महिला को उसके शौहर ने इसलिए ‘तलाक’ दे दिया, क्योंकि वह राज्यसभा में तलाक बिल पास होने की खुशी मना रही थी। पुलिस ने इस संबंध में एक मुकदमा दर्ज किया है।
तीन तलाक को लेकर पूरे देश में बहस छिड़ी है। तीन तलाक को लेकर देश में कानून बना दिया गया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले का एक अजीब मामला सामने आया है। यहां के बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के जिगनी गांव में एक मुस्लिम महिला को उसके शौहर ने सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया, क्योंकि वह राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास होने की खुशी मना रही थी।
बिंदकी क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) अभिषेक तिवारी ने रविवार को बताया, “जिगनी गांव की महिला मुफीदा खातून ने शनिवार को अपने शौहर शमशुद्दीन के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कराया है, जिसमें महिला ने आरोप लगाया है कि वह एक अगस्त को तीन तलाक से संबंधित बिल राज्यसभा में पास होने पर खुशी मना रही थी, जो उसके शौहर को नागवार गुजरा और उसने पहले मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया, फिर बाद में उसके मायके पहुंच कर मां-बाप के सामने तीन बार तलाक बोल कर उसे तलाक दे दिया है।
उन्होंने आगे कहा, “महिला की शिकायत पर शमशुद्दीन के खिलाफ मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 के साथ ही अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है।
महिला की ओर से दी गई तहरीर में उसने कहा है कि वह एक अगस्त को तीन तलाक से संबंधित बिल राज्यसभा में पास होने पर खुशी मना रही थी, जो उसके शौहर को नागवार गुजरा। महिला का आरोप है कि उसके पति ने पहले उसके साथ मारपीट की फिर उसे घर से निकाल दिया।
महिला अपने मायके पहुंची। आरोप है कि उसका पति की पीछे-पीछे उसके मायके पहुंच गया और उसके माता-पिता के सामने ही तीन बार तलाक बोल कर उसे तलाक दे दिया है। पुलिस ने बताया कि महिला की शिकायत पर शमशुद्दीन के खिलाफ मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 के साथ ही अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है।