सीएम नीतीश कुमार के मंत्री अल्पसंख्यक मंत्री खुर्शीद अहमद द्वारा जय श्री राम का नारा दिये जाने पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक टीवी शो में मुस्लिम धर्म गुरु ने कहा कि एक मुसलमान राम की पूजा कभी नहीं कर सकता है। ये इस्लाम में हराम है। न्यूज चैनल आज तक में एक बहस के दौरान इमाम काउंसिल के प्रमुख मकसूदुल कासमी ने कहा कि नीतीश कुमार के मंत्री खुर्शीद अहमद के खिलाफ दिये गये बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
मकसूदुल कासमी ने कथित फतवा जारी करने वाले मौलवी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ इतना कहा है कि राम की पूजा एक मुस्लिम नहीं कर सकता है क्योंकि ऐसा करना इस्लाम के खिलाफ है। आगे उन्होंने कहा कि राम की इज्जत कौन नहीं करता है, मैं भी उनकी इज्जत करता हूं। और हम राम-रहीम मामले में एक साथ है।
इस मुस्लिम धर्म गुरु ने आगे कहा कि अगर आप एक मुस्लिम को राम की पूजा के लिए मजबूर करेंगे तो टकराव पैदा होगा। बहस में आगे बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि आखिर इस्लाम तुरंत खतरे में क्यो आ जाता है। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम बोलने से इस्लाम खतरे में आ जाता है, जन गन गाने से इस्लाम खतरे में आ जाता है, भारत माता की जय बोलने से इस्लाम खतरे में आ जाता है। उन्होंने कहा कि आखिर हर शाम ये इस्लाम खतरे में क्यों आ जाता है। इस्लाम इतना कमजोर हैं क्या?
मौलाना मकसूदुल कासमी ने कहा कि ‘श्री राम’ की पूजा करने से आप इस्लाम से बिलकुल कट जाते हैं, और उस मंत्री ने ऐसा कहा था इस वजह से उनके खिलाफ फतवा आया है। मौलाना ने कहा कि यहां पर संस्कृति का विरोध नहीं हो रहा है। मौलाना ने कहा कि बीजेपी के लोग धर्म के नाम पर देश में बंटवारा करते हैं।
मौलाना ने कहा कि किसी को राम की पूजा करने की मनाही नहीं है। लेकिन एक शख्स मुसलमान होकर राम की पूजा नहीं कर सकता है। बता दें कि बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार द्वारा विश्वासमत हासिल करते ही विधायक खुर्शीद अहमद ने जय श्रीराम का नारा लगाया था। इसके बाद उनके खिलाफ इमारत-ए-शरिया ने फतवा जारी करते हुए उन्हें इस्लाम से खारिज और मुर्तद करार दिया है। हालांकि इसके बाद खुर्शीद अहमद ने माफी मांग ली थी।