16.1 C
Indore
Monday, December 23, 2024

शहर-ए-लखनऊ तुझे मेरा सलाम …

Lucknowअमाँ मियाँ वह भी क्या जमाना था। जब हमारा हर छोटा बड़ा सिक्का चला करता था। आज तो चवन्नी, अठन्नी और एक रूपए के सिक्के की वकत ही नहीं रही। हम भी लखनऊ में पले-बढ़े, पढ़े, तहजीब तालीम हासिल किया। चवन्नी की एक कप चाय और तीन पत्ती पान की कीमत भी चवन्नी हुआ करती थी। एक रूपए जेब में फिर क्या था पूरा नखलऊ घूमते थे। चवन्नी में सिटी बस पूरे नउवाबी शहर का सैर करती थी, और एक कप चाय तीन पत्ती पान की गिलौरी मुँह में डाले रॉथमैन्स/ट्रिपलफाइव (555 स्टेट एक्सप्रेस) होंठों से लगाए धूआँ उड़ाने के बाद कुल एक रूपए का ही खर्च बैठता था। वाह क्या जमाना था वह भी।


आज तो चवन्नी/अठन्नी का नाम सुनते ही दुकानदार इस कदर घूरता है जैसे किसी भिखमंगे से सामना पड़ गया हो। कुल मिलाकर यह कहना ही बेहतर होगा कि वह जमाना लद गया जब हमारा हर सिक्का चलता था। लखनऊ शहर को सलाम किए अर्सा बीत गया, सुना है कि अब नउवाबों का शहर नखलऊ काफी तब्दील हो गया है। काश! हमने शहर-ए-लखनऊ से मुहब्बत न की होती यहीं अच्छा होता कम से कम आज यह दर्द भरा गीत तो न गाना पड़ता कि- ऐ मुहब्बत तेरे अंजाम (परिणाम) पे रोना आया।


बहरहाल अब न तो नखलऊ में रहता हूँ और न वह जमाना ही रहा जब चवन्नी की ‘कनकइया’ उड़ाकर हम भी नखलउवा खेल में शामिल हुआ करते थे। कित्ता मजा आता था जब हर शाम हजरतगंज की लवलेन (जो अब नहीं है) में गंजिंग करने के नाम पर मटरगश्ती करते थे। हिन्द काफी हाउस में एक रूपए की काफी और घण्टों बैठकर गप्पबाजी। हम फिदाए लखनऊ और लखनऊ फिदाए हम पर। हमारी जवानी के शुरूआती दिनों में मेरे महबूब, पालकी, मेरे हुजूर, गीत फिल्मों की शूटिंग चारबाग रेलवे स्टेशन, पोलोग्राउण्ड, इमाम बाड़ा, मंकीब्रिज (हनुमान सेतु), मेडिकल कालेज, कैसरबाग, अमीनाबाद, नजीराबाद में हुई थी, जिसे देखकर खूब लुत्फ उठाया था। राजेन्द्र कुमार, जितेन्द्र, राज कुमार, माला सिन्हा, साधना जैसी अदाकाराओं को काफी करीब से देखने का मौका हमें नखलऊ में ही मिला था। उसके लिए मुम्बई की मायानगरी तक का चक्कर नहीं लगाना पड़ा था।


पॉकेट में अधिकतम 5 रूपए हुआ करते थे और हमारे ठाट-बाट नउवाबों जैसे। क्या जमाना था जब हम मुख्यमंत्री निवास और राजभवन में बगैर रोकटोक के प्रवेश पा जाते थे। उस समय आटो/टैम्पो का प्रचलन कम ही था। हम लोग ताँगे या फिर रिक्शे पर बैठकर गंतव्य को आते-जाते थे। पैसे वाले चार पहिया टैक्सियों में और नवाब बग्घियों में, मोहनमीकिन्स के मालिकान इम्पाला, शेवरलेट से चलते थे। यह सब लखनऊ की शान-ओ-शौकत थी। भिखमंगे व टुटपुँजिए कम ही दिखते थे। यहाँ तो ऐसे ही लोग उद्यमी/व्यवसाई होकर हम पर ही रोब गालिब करते हैं।


हमारे जमाने में लखनऊ का ‘वजूद’ मिटा नहीं था, और न ही उसकी ऐतिहासिकता को मिटाने का प्रयास लोकतंत्रीय शासकों द्वारा किया गया था। हमें पता चला है कि अब तो लखनऊ काफी विस्तारित एवं परिवर्तित हो चुका है। शायद यही वजह भी है कि अब पर्यटक और बालीवुड के फिल्मकारों ने लखनऊ से मुँह मोड़ लिया। हुसैनाबाद का घण्टाघर, चारबाग रेलवे स्टेशन, खम्मनपीर बाबा, ऐशबाग की फ्लोर मिल, यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री, मवइया, टेढ़ी पुलिया, आलमबाग का चौराहा, ब्लण्ट स्क्वायर, नत्था होटल, के0के0सी0, हुसैनगंज, बर्लिंग्टन चौराहा, विधान भवन, जी0पी0ओ0, हजरतगंज का इलाहाबाद बैंक, अशोक मार्ग, डी.एस. आफिस, कोतवाली, मैफेयर सिनेमा, रायल कैफे, चौधरी स्वीट्स, लालबाग नावेल्टी सिनेमा, झण्डे वाला पार्क, नजीराबाद के कबाब की दुकानें, यहियागंज के वर्तन भण्डार, राम आसरे की मिठाइयाँ, पान दरीबा, गन्दा नाला, नाका हिन्डोला, गणेशगंज, गड़बड़झाला, दिलकुशा, ला मार्टीनियर, गोमती नदी, लखनऊ यूनिवर्सिटी, आई.टी.आई चौराहा, रेजीडेन्सी-बारादरी, इमाम बाड़े, रूमी दरवाजा की बहुत याद आती है। डालीगंज का हनुमान मन्दिर, लखनऊ की छत्तर मंजिल, शहीद स्मारक को भूल नहीं पा रहा हूँ, ग्लोब पार्क, रविन्द्रालय सभी मेरी जेहन में हैं।


लखनऊ को वहाँ के वासिन्दे नखलऊ बोलते हैं, अब शायद ऐसा न होता हो, लेकिन बड़ा मजा आता था, जब दो नखलउवा आपस में बातें करते भौकाल मारते और एक से एक धाँसू लन्तरानियाँ मारते। ताँगों से चलने वाले नवाबों के एक हाथ में छड़ी और दूसरे में छाता हुआ करता था। शेरवानी, अचकन वल्लाह क्या खूब जमते थे इन परिधानों में वे लोग। एक जेब में भूने चने, दूसरी में सूखे मेवे और तीसरी जेब में इलायची, लौंग तथा चौथी में कन्नौज का इत्तर रखने वाले ये पुराने नउवाब जब भी किसी से मिलते थे तब बाद दुआ-सलाम खैर सल्लाह के सूखे मेवे रखे पाकेट में हाथ डालकर उसे प्रस्तुत करते थे। यह भी कहते थे कि भाई नवाबी भले ही चली गई, लेकिन हम है तो खानदानी नवाब। और इस तरह अपनी प्रशंसा स्वयं करते थे। फिर इत्र लगाकर अलविदा कहते थे। हमें उनकी यह अदा काफी पसन्द आती थी।


हम लखनऊ शहर के तमाम ऐसे हिस्सों का भ्रमण करते थे, जहाँ अमीर लोग मौज-मस्ती के लिए जाया करते थे। खाला बाजार, चावल वाली गली, नक्खास, नादान महल रोड, पुराना चौक लखनऊ……….आदि। अब तो बस उन्हें याद करके ही सन्तोष करता हूँ। कुल मिलाकर लखनऊ में हमारा हर सिक्का चलता था और हम उस नवाबी श्ज्ञहर को याद करके यह गुन गुनाते हैं- ऐ शहर-ए-लखनऊ तुझे मेरा सलाम है, तेरा ही नाम दूसरा जन्नत का नाम है। फिलहाल बस।

लेखक : डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी


-डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी
अकबरपुर, अम्बेडकरनगर (उ.प्र.)

Related Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...