कश्मीर में सेना और सुरक्षा बलों पर ज्यादती का आरोप लगाने के बाद शहला ने कहा कि सेना जांच करेगी तो वह सबूत देंगी।
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के लिए पहुंची जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्ष ने मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया।
सबूत मांगने की बात पर जब मीडिया ने उन्हें घेर लिया तो उन्होंने सिर्फ यही कहा कि जांच होगी तो वह सबूत पेश कर देंगी। शहला के दावों का पहले ही सेना की ओर से खंडन किया जा चुका है।
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के लिए पहुंची शहला ने कहा, ‘मैं अपना बयान दे चुकी हूं। भारतीय सेना जब मेरे खिलाफ जांच शुरू करेगी तो मैं सबूत भी दे दूंगी। मैंने अपना बयान दे दिया है, लेकिन क्या आर्मी ने मेरे खिलाफ जांच शुरू कर दी है? क्या मेरे खिलाफ जांच हो रही है।’ इसके बाद शहला ने किसी और सवाल का जवाब नहीं दिया और वह वहां से चली गईं।
बता दें कि कुछ दिन पहले शहला राशिद ने सिलसिलवार ढंग से कई ट्वीट कश्मीर के हालात पर किए थे।
उन्होंनें कई ट्वीट में सुरक्षा बलों द्वारा आम जनता को परेशान किए जाने का दावा किया। शहला ने कहा कि कई क्षेत्रों के स्थानीय लोगों से उनकी बातचीत हुई है और कश्मीर में हालात बहुत खराब हैं।
हालांकि, छात्र नेता के उस बयान की काफी आलोचना हुई और सेना ने भी इसका खंडन कर दिया। शहला के बयान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आपराधिक शिकायत भी एक वकील ने दर्ज कराई।
बता दें कि 2019 लोकसभा चुनावों से पहले ही उन्होंने आईएएस अधिकारी से नेता बने शाह फैसल की पार्टी जॉइन की। शहला खुद भी मूल रूप से श्रीनगर की ही रहनेवाली हैं।
आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद से ही वह सरकार के खिलाफ कई प्रदर्शन में शामिल हो चुकी हैं। सोशल मीडिया पर भी वह काफी सक्रिय रहती हैं।