जयपुर – राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार को एक बडी कार्रवाई करते हुए ढाई करोड की रिश्वत लेने के आारोप में खान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक सिंघवी, उदयपुर में खान विभाग के अतिरिक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी पंकज गहलोत और भीलवाडा के अधाीक्षण खनिज अभियंता पी आर आमेटा को गिरफ्तार किया है।
इस मामले में एसीबी ने पहले गहलोत और आमेटा को ही गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में देर रात खान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आईएएस अधिकारी अशोक सिंघवी के घर व कार्यालय की तलाशी भी ली गई, जिसके बाद उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया।
एसीबी के अनुसार यह रिश्वत पंकज गहलोत और सिंघवी के लिए ली जा रही थी। इस मामले में तीन और लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। इनके घर से नोटों से भरे बैग मिले हैं। जिन्हें गिनने के लिए नोट गिनने की मशीन मंगानी पडी।
तलाशी अभियान में एसीबी को कुल मिला कर करीब 3.85 करोड़ रुपये की राशि मिली है। यह हाल के वर्षों में एसीबी की सबसे बडी कार्रवाई बताई जा रही है।
एसीबी के महानिदेश नवदीप सिंह ने बताया कि टीम ने पंकज गहलोत को उदयपुर स्थित अपने कार्यालय से गिरफ्तार किया। वहीं अधीक्षण खनिज अभियंता पीआर आमेटा व पैसा पहुंचाने वाले रशीद खान को भीलवाडा से गिरफ्तार किया गया है।
पंकज के खास आदमी माने जाने वाले बिचौलिए संजय सेठी और एक चार्टर्ड एकाउंटेंट श्याम सुंदर सिंघवी को एसीबी ने श्याम सुदंर सिंघवी के उदयपुर स्थित कार्यालय से ढाई करोड रुपये की रकम के साथ गिरफ्तार किया।
एसीबी के अनुसार इस मामले में भीलवाडा के अधीक्षण खनिज अभियंता आमेटा ने ऊपर के आदेश से अगस्त में सीमेंट में काम आने वाले प्रमुख खनिज रेड हॉकर की छह खानें निरस्त करने के आदेश जारी किए थे। इन खानों के मालिक शेर खान ने अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट श्याम सुंदर सिंघवी से सम्पर्क किया।
सिंघवी ने संजय सेठी और पंकज गहलोत से इस बारे में बात की। पहले ऑफर एक करोड़ का दिया गया था, लेकिन बाद में बात चार करोड पर जा कर तय हुई।
एसीबी को इस मामले की जानकारी मिली और इसने लगातार इस मामले को ट्रेस करते हुए बुधवार को एक साथ भीलवाडा व उदयपुर में कार्रवाई कर सम्बन्धित लोगों को गिरफ्तार किया।
अशोक सिंघवी को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पसंदीदा अधिकारियों में माना जाता था। पिछली सरकार के समय वे दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर थे और राजे उन्हें दिल्ली से राजस्थान लाई थी। उन्हें खान विभाग जैसा महत्वपूर्ण विभाग दिया गया था। अब उनका नाम इस तरह के मामले में आने पर हर कोई अचंभे में है।